रायपुर.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेश का पहला आयुर्वेद विश्वविद्यालय खुलेगा। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में 2 दिवसीय आयुर्वेद एलुमनी मीट ‘‘स्वर्ण कुंभ‘‘ में ये घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने कॉलेज से पढ़कर निकले और देश-विदेश में सेवाएं दे रहे ऐसे पुराने डॉक्टर्स को सम्मानित किया।
शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा दिया है, जिसके बाद आज पूरी दुनिया में आयुर्वेद को अलग पहचान मिली है। कोरोना काल में आयुर्वेदिक काढ़े और दवाइयों ने लाखों लोगों की जान बचाई। लोगों में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता लाने का भी सुझाव अग्रवाल ने दिया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारे जीवन पद्धति का एक अंग है। हमारे घरों का रसोई घर अपने आप में एक आयुर्वेदिक औषधि केंद्र है। एक जानकर व्यक्ति इनका सही प्रयोग करके निरोगी काया पा सकता है। आयुर्वेद आदिकाल से है। जब लंका में लक्ष्मणजी मूर्छित हुए थे तब भी वैद्यराज सुषेण ने आयुर्वेद के जरिए उनकी जान बचाई थी, उस वक्त एलोपैथ का नामोनिशान नहीं था। लेकिन अंग्रेजों के समय से भारतीय चिकित्सा प्रणाली को हाशिए पर ला दिया गया था।
ये रहे मौजूद
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम में पुराने दोस्तों से मिलकर सभी लोगों को अपने छात्र जीवन के दिन की यादें ताजा करने का अवसर मिला होगा। ऐसे लोगों से भी मुलाकात हुई होगी, जिन्होंने आयुर्वेद को एलोपैथी के बराबर का दर्जा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया था। कार्यक्रम में पूर्व सांसद डॉ भूषणलाल जांगड़े, कवि डॉ सुरेंद्र दुबे, प्राचार्य डॉ जी. आर चतुर्वेदी, संयुक्त संचालक, आयुष डॉ सुनील कुमार दास, आयोजन समिति के अध्यक्ष, डॉ पतंजलि दीवान, डॉ शिव नारायण द्विवेदी, डॉ हरेंद्र शुक्ला आदि मौजूद रहे।