पटना
बिहार की राजनीति में 3 दिन से भूचाल आया है और पटना से लेकर दिल्ली तक मंथन चल रहा है. अब करीब करीब तय हो गया है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक बार फिर यू-टर्न लेकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले हैं. आज मौजूदा सियासी हालात को लेकर आज BJP ने पटना ऑफिस में 4 बजे अपने विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है जिसमें सभी सांसदों और विधायकों को बुलाया गया है.
इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े भी मौजूद रहेंगे. बीजेपी लोक सभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा करेगी. विनोद तावड़े ने कहा, "बिहार की बैठक है जिसमें सभी पदाधिकारी, सभी विधायक, सांसद आएंगे और आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी…"
वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने भी सियासी संकट से निपटने के लिए आज 1 बजे तेजस्वी यादव के सरकारी आवास 5 सर्कुलर रोड आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई है. जबकि, वेट एंड वॉच के मूड में दिख रहे नीतीश कुमार 28 जनवरी, यानि रविवार को अपने नेताओं के साथ राय मशविरा करेंगे. जनता दल यूनाइटेड विधायक विधायक दल की बैठक के बाद संभवत: नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं और कल शाम अथवा सोमवार सुबह शपथ ग्रहण हो सकता है.
बीजेपी आलाकमान ने की लंबी चर्चा
इससे पहले कल दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में आलाकमान ने बिहार पर काफी देर चर्चा की. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने 25 और 26 जनवरी को बिहार बीजेपी के नेताओं के साथ मंथन किया ताकि सियासी नफा नुकसान का आंकलन किया जा सके. केंद्रीय मंत्री और फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि उनके लिए नीतीश के दरवाजे हमेशा बंद रहेंगे लेकिन केंद्रीय नेतृत्व का हर फैसला मंजूर होगा.
अभी भी बीजेपी नीतीश को लेकर खुलकर बोलने से परहेज कर रही है इसीलिए बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी और पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी दिल्ली से मंथन के बाद पटना आए तो यही बोले कि, 2024 को लेकर बैठक हो रहीं हैं. इस बीच सूत्रों से खबर आई कि, कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं लेकिन बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि किसी भी हालात के लिए हमारे सभी विधायक एकजुट हैं.
लालू हुए बेचैन
वहीं नीतीश के पाला बदलने की खबरों के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव काफी बेचैन नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि, लालू ने नीतीश को करीब 5 बार फोन किया लेकिन नीतीश ने लालू का फोन नहीं उठाया जिससे नीतीश ने साफ संदेश दे दिया है कि, वो बीजेपी के साथ जाने वाले हैं.
बिहार विधानसभा का नंबर गेम
बिहार विधानसभा के नंबर गेम की बात करें तो 243 सदस्यों वाले सदन में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 122 विधायकों का है. लालू यादव के नेतृत्व वाली आरजेडी 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, वहीं बीजेपी 78 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 45 विधायकों के साथ तीसरे नंबर की पार्टी है. कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक हैं. आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट, तीनों के विधायकों की संख्या जोड़ लें तो कुल सदस्य संख्या 114 पहुंचती है जो बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़े से आठ कम है.
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की बात करें तो गठबंधन की अगुवाई कर रही पार्टी के 78 विधायक हैं. जीतनराम मांझी की अगुवाई वाली हम पार्टी के 4 विधायक हैं. नीतीश कुमार को माइनस करके देखें तो एनडीए के विधायकों की संख्या 82 पहुंचती है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का भी एक विधायक है जो न तो एनडीए में शामिल है और ना ही महागठबंधन में. आंकड़ों के आइने में देखें तो एनडीए हो या महागठबंधन, नीतीश कुमार की पार्टी जिधर का रुख कर ले उधर आसानी से सरकार बन और बच जाएगी.