भोपाल.
जलसंसाधन विभाग लगातार बिजली का उपयोग कर रहा है लेकिन बिजली के बकाया बिलों का भुगतान नहीं कर रहा है। विभाग पर बिजली कंपनियों की 44 करोड़ 58 लाख रुपए की देनदारी हो गई है। बकाया नहीं मिलने से कोयला कंपनियों को भुगतान में कठिनाई आ रही है। उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने जलसंसाधन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर बकाया भुगतान शीघ्र करने को कहा है।
जलसंसाधन विभाग के प्रदेशभर के विभिन्न कार्यालयों पर अगस्त 2023 में ही 31 करोड़ 36 लाख रुपए का भुगतान बाकी हो गया था। इसके बाद बार-बार स्मरण कराने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया और अब यह बकाया राशि बढ़कर 44 करोड़ 58 लाख रुपए हो गई है। उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव ने जलसंसाधन विभाग के प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि बिजली बिलों का भुगतान प्राप्त नहीं होने के कारण वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा रही है।
केन्द्र सरकार द्वारा जारी आरडीएसएस योजना की शर्तो के अनुसार सभी सरकारी कार्यालयों, विभागों और स्थानीय निकायों द्वारा वितरण कंपनियों के देयकों का पूर्ण भुगतान सुनिश्चित किया जाना है साथ ही बिजली बिलों के भुगतान नहीं होने के कारण वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत उत्पादकों को समय से भुगतान एवं राज्य जेनको की उत्पादक इकाईयों के लिए कोयला कंपनियों को भुगतान में भी कठिनाई हो रही है।
इसलिए बकाया बिलों का शीघ्र भुगतान आवश्यक है। शासकीय विभागों के विद्युत देयकों के एकीकृत भुगतान के लिए एक पोर्टल बनाया गया है। इस पर विभाग अंतर्गत विभिन्न बिजली कनेक्शनों की जानकारी है। संचालय एवं मुख्यालय स्तर पर बिजली बिलों के बकाया का एकीकृत भुगतान किया जा सकता है।
इस पोर्टल के संचालन एवं बिल भुगतान करने की प्रक्रिया के संबंध में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों को एक प्रशिक्षण भी दिया गया है इसलिए बकाया बिलों का शीघ्र भुगतान करवाए और मासिक बिजली बिलों का समय पर भुगतान करने के लिए संबंधितों को निर्देश देने का कष्ट करें।
फैक्ट फाइल | ||
कंपनी | कनेक्शन संख्या | बकाया राशि |
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी | 380 | 19.60 करोड़ |
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी | 368 | 17.87 करोड़ रुपए |
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी | 187 | 7.11 करोड़ रुपए |
कुल | 935 | 44.58 करोड़ |