बेगूसराय
कर्पूरी ठाकुर के जयंती समारोह के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ दिए गए बयान पर जन सुराज के संस्थापाक प्रशांत किशोर ने तंज कसा है। जन सुराज यात्रा लेकर बेगूसराय पहुंचे प्रशांत किशोर से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में जाएंगे? इसपर प्रशांत ने कहा- 'चलिए ना, नीतीश कुमार की बात आप लोग क्यों कर रहे हैं? नीतीश कुमार जब जहां रहते हैं उसके हिसाब से बात करते हैं। जब उन्हें बीजेपी के साइड जाना होगा तो परिवारवाद पर बोलने लगते हैं। जब उन्हें बीजेपी को छोड़कर लालू यादव के साथ जाना होता है तो उन्हें संप्रदायवाद दिखने लगता है। किसी को नहीं मालूम है, यहां तक की नीतीश कुमार को स्वंय भी नहीं मालूम है कि वह कहां जाएंगे।'
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जो आदमी अपने जीवन के अंतिम दौर में पहुंच गया है, राजनीतिक, सामाजिक हर रूप से नीतीश कुमार अंतिम दौर में चल रहे हैं। अपनी छटपटाहट में कभी दाएं, कभी बाएं कर रहे हैं। उससे कुछ होने वाला नहीं है। अभी चुनाव होगा तो उनकी राजनीतिक औकात बिहार की जनता दिखा देगी। मैंने पहले भी कहा है, आज कैमरे पर कह दे रहा हूं। आज तक मैंने चुनाव को लेकर अगर कोई भविष्यवाणी की है तो वह शायद ही कभी गलत हुई हो। बिहार में लोकसभा चुनाव के नजरिए से मैं आपको कैमरे पर बता देता हूं कि महागठबंधन में अगर नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे तो उनकी पार्टी जेडीयू को पांच सीटें भी नहीं आएंगी। ये बात मैं दो महीने से कह रहा हूं। उनके दल वाले भी समझ रहे हैं कि अगर प्रशांत किशोर कह रहा है तो वाकई उनकी पार्टी को पांच सीटें भी नहीं आएंगी। इसलिए भगदड़ होनी तय है। भगदड़ में नेता भागते हैं या खुद नीतीश कुमार ही भाग जाते हैं इसका कोई भरोसा नहीं है। उनकी यह घबराहट स्वभाविक रूप से दिख रही है। जनता ने उनका साथ छोड़ दिया है।
प्रशांत ने आगे कहा कि आप सभी पत्रकार हैं, आपको मालूम है जेडीयू को कौन वोट देगा। कोई वोट देने वाला नहीं बचा है। लोकसभा चुनाव से पहले हाथ पांव मारकर किसी तरह निकलने की कोशिश में जुटे हैं नीतीश कुमार। अगर लोकसभा चुनाव तक नहीं भी गए तो भी आज की स्थिति तो बदलनी तय है। महागठबंधन की सरकार चलाने की व्यवस्था अधिकतम 2024 के लोकसभा चुनाव तक चलेगा। लोकसभा चुनाव में हारते ही भागना और तोड़ना शुरू हो जाएगा।