नई दिल्ली
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं। उन्होंने शुक्रवार को ऐलान किया कि साल 2030 तक 30 हजार भारतीय छात्र फ्रांस में पढ़ाई कर सकेंगे। मैक्रों ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी टारगेट है, मगर मैं इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस ऐलान को गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के लिए तोहफे के तौर पर देखा जा रहा है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने पोस्ट पर कहा, 'पब्लिक स्कूलों में फ्रेंच सीखने के लिए हम नया रास्ता खोल रहे हैं। इसे 'फ्रेंच फॉर आल, फ्रेंच फॉर ए बेटर फ्यूचर' नाम दिया गया है। फ्रेंच सीखाने के मकसद से नए सेंटर्स खोले जा रहे हैं। हम लोग इंटरनेशनल क्लास बना रहे हैं। इसके जरिए ऐसे स्टूडेंट्स जो फ्रेंच नहीं बोल पाते हैं वो हमारी यूनिवर्सिटीज को ज्वाइन कर सकेंगे।' उन्होंने इस पोस्ट में आगे कहा, "इतना ही नहीं, हम उन भारतीय छात्रों को वीजा प्रॉसेस भी मुहैया कराएंगे जिन्होंने फ्रांस में पढ़ाई की है।"
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच हुई थी बातचीत
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने द्विपक्षीय रणनीतिक जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए चर्चा की थी। जयपुर के शानदार होटल 'ताज रामबाग पैलेस' में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि चर्चा के दौरान रक्षा और सुरक्षा, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और परमाणु ऊर्जा समेत अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पीएम मोदी और मैक्रों ने परकोटे में स्थित जंतर मंतर से सांगानेरी गेट तक रोड शो किया। रोड शो में बड़ी संख्या में लोग उमड़े। दोनों नेता बाद में स्थानीय कलाकृतियों व हस्तशिल्प उत्पादों की एक दुकान में गए। मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की प्रतिकृति उपहार में दी।