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अयोध्या में रामलला की मूर्ति में हैं भगवान विष्णु के 10 अवतार, जानें इनका महत्व

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अयोध्या में राम पधार चुके हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है. श्रीराम के बाल स्वरूप की मूर्ति काले पत्थर से बनी है. मूर्ति में श्रीराम के साथ ही विष्णु जी के दसों अवतारों के भी दर्शन होंगे. जानें मूर्ति में कहां-कौन से अवतार की झलक दिखाई देगी.

रामलला की मूर्ति में दशावतार

    मत्स्य अवतार – शास्त्रों के अनुसार सृष्टि के प्रलय से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने पहला अवतार मत्स्य के रूप में लिया था. उस समय भगवान ने हयग्रीव नाम के असुर का वध किया था.

    कूर्म अवतार – देव-राक्षसों ने मंदराचल को समुद्र में डालकर मंथन करना शुरू किया लेकिन पर्वत का आधार नहीं होने के कारण वो समुद्र में डूबने लगा. ये देखकर भगवान विष्णु ने बहुत बड़े कूर्म (कछुए) का रूप लेकर समुद्र में मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर रख लिया. इससे पर्वत तेजी से घूमने लगा और समुद्र मंथन पूरा हुआ.

    वराह अवतार – तीसरा अवतार वराह था. इसमें मुख शुकर का था, लेकिन शरीर इंसानों की तरह था. उस समय दैत्य हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को समुद्र में छिपा दिया था, तब विष्णु जी ने वराह अवतार लिया और समुद्र से पृथ्वी को बाहर ले आए.

    नृसिंह अवतार – नृसिंह अवतार विष्णु जी का चौथा अवतार है. हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद की रक्षा के लिए एक खंबे से विष्णु जी ने नृसिंह अवतार लिया था. इसके बाद नृरसिंह भगवान ने हिण्यकश्यम का वध किया.

    वामन अवतार – पांचवे अवतार के रूप में विष्णु जी वामन देव बनकर आए और असुर राज बलि से तीन पग धरती दान में मांगी थी. 2 पग में आकाश-धरती नाप ली, तीसरा पैर रखने के लिए जब कोई जगह नहीं बची तो बलि ने अपना सिर आगे कर दिया, भगवान ने सिर पर पैर रखा तो राजा बलि पाताललोक में चला गया.

    परशुराम अवतार – श्रीहरि का छठा अवतार परशुराम जी हैं. इन्होंने हयवंशी क्षत्रियों को खत्म किया, सहस्त्रार्जुन का वध किया था. ये चिरंजीवी हैं.

    श्रीराम अवतार – चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर श्रीराम के रूप में विष्णु जी ने सातवां अवतार लिया था. धर्म और मर्यादा की स्थापना के लिए श्रीराम का अवतार हुआ.

    श्रीकृष्ण अवतार – द्वापर युग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था. श्रीकृष्ण ने कंस और उसके सभी साथी असुरों का वध किया. दुर्योधन के साथ ही पूरे कौरव वंश को खत्म करने में पांडवों की मदद की और धर्म को पुन: स्थापित किया

    बुद्ध अवतार – वैशाख मास की पूर्णिमा बुद्ध जयंती मनाई जाती है. बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की.

    कल्कि अवतार – ये श्रीहरि का 10वां अवतार है. कल्कि अवतार अभी प्रकट नहीं हुआ है.  माना जाता है कि कलियुग के अंत में विष्णु जी कल्कि अवतार लेंगे.