जैसलमेर.
जैसलमेर के मावा गांव के तालाब के पास 4 कुरजां मृत हालत में मिलने से पक्षी प्रेमियों में सनसनी फैल गई। पक्षी प्रेमियों की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। पक्षी प्रेमियों ने फूड पॉइजनिंग से कुरजां पक्षियों की मौत होने की आशंका जताई है। हालांकि, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा होगा।
पक्षी प्रेमी राधेश्याम विश्नोई ने बताया कि वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई सहित अन्य प्रेमी क्षेत्र में बर्डवॉचिंग के लिए घूम रहे थे। इस दौरान मावा गांव के तालाब के पास चार कुरजां मृत हालत में मिली। मृत कुरजां पक्षी की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी जगदीश टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृत कुरजां को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार किया।
पक्षी तालाबों के पास डालते हैं डेरा
राधेश्याम विश्नोई ने बताया कि सितंबर-अक्टूबर महीने में प्रवासी कुरजां पक्षी की जैसलमेर में आवक होती है। मार्च में ये पक्षी झुंड के साथ वापस लौट जाती है। जैसलमेर प्रवास के दौरान ये पक्षी तालाबों के आसपास अपना डेरा डालती हैं। मावा गांव के तालाब के पास भी बड़ी संख्या में कुरजां ने अपना डेरा डाल रखा है। इससे पहले भी क्षेत्र में कई बार कुरजां पक्षियों की संदिग्ध हालत में मौत हुई है, जिनकी मौत के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है।
वन विभाग जांच कराए, ताकि पता चल सके मौत का कारण
राधेश्याम विश्नोई ने बताया कि फूड पॉइजनिंग भी मौत का कारण हो सकता है। उन्होंने बताया कि प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। पहले भी कुरजां की मौत के बाद पोस्टमॉर्टम कर नमूने लेकर एफएसएल जांच के लिए भोपाल भिजवाए गए थे, जिनकी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। बिना जांच रिपोर्ट के कैसे पता चलेगा कि मौत कैसे हुई है। इसलिए वन विभाग इसकी सही जांच कराए ताकि मौत के कारणों की जानकारी मिल सके।