Home देश इकबाल अंसारी ने कहा- बीजेपी ने खत्‍म किया राम मंदिर का मुद्दा

इकबाल अंसारी ने कहा- बीजेपी ने खत्‍म किया राम मंदिर का मुद्दा

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 आयोध्या

जन्‍मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मुख्‍य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का मानना है कि भाजपा ने अयोध्‍या के मुद्दे को खत्‍म कर दिया है और अब सभी को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ‘सारे कलह’ को विदाई देने की नसीहत पर अमल करना चाहिये. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा गरमाये गये राम मंदिर मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खत्‍म कर दिया है.

'कांग्रेस ने बाबरी मस्जिद के अंदर मूर्ति रखवायी'
अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा, 'हमारे वालिद साहब (हाशिम अंसारी) जब जिंदा थे तो वह सबसे कहते रहे कि कांग्रेस ने बाबरी मस्जिद के अंदर मूर्ति रखवायी, कांग्रेस ने मस्जिद तुड़वायी, कांग्रेस ने दंगा करवाया, कांग्रेस ने ही मंदिर का शिलान्‍यास कराया. हम तो कहते हैं कि इस हुकूमत (भाजपा सरकार) में तो कम हो रहा है. इस सरकार ने तो केवल इमारत ही बनवायी है, और कुछ नहीं हुआ. भाजपा ने तो राम मंदिर मुद्दे को खत्‍म किया है.'

काशी और मथुरा का मुद्दा भी गरमाने के मुद्दे पर अंसारी ने कहा, 'मुल्‍क में जब तक राजनीति जिंदा रहेगी, तब तक यह सब होता रहेगा. कांग्रेस ने क्‍या किया? जो आज हो रहा है, वही कांग्रेस भी करती रही.'

मोहन भागवत के भाषण की तारीफ
प्राण-प्रतिष्‍ठा समारोह में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के भाषण की तारीफ करते हुए अंसारी ने कहा, 'भागवत जी ने बहुत अच्‍छी बात कही. उन्होंने जो कहा है वह होना भी चाहिये. जरूरी यह है कि उस पर अमल भी हो.' भागवत ने समारोह में नागरिकों को प्रेरित करते हुए कहा था, 'हमें सभी मतभेद त्याग कर, कलह खत्म कर छोटे छोटे मुद्दों पर लड़ना झगड़ना बंद करना होगा. हमें अपना अहंकार त्यागना होगा और एकजुट रहना होगा.'

संघ प्रमुख ने कहा था कि सब घट में राम हैं, हमको यह जानकर आपस में समन्वय से चलना होगा. सब हमारे हैं, इसीलिए चल पाते हैं. आपस में मिलकर व्यवहार करना, यह धर्म का पहला सत्य आचरण है.

'देश के मुसलमानों को अमन-चैन चाहिए'
अंसारी ने कहा, 'देश के मुसलमानों को अमन-चैन चाहिये. यह तबका ज्‍यादा पढ़ा-लिखा नहीं है. उसे सरकारी नौकरी नहीं चाहिये. वह अपना छोटा-मोटा रोजगार करता है. जब दंगा-फसाद नहीं होगा तो वह सुकून से जियेगा. एक सवाल का जवाब देते हुए अंसारी ने कहा कि अयोध्‍या में राम कल नहीं आये हैं, वह तो दिसंबर 1949 से वहीं पर हैं.