जयपुर.
आरपीएससी शिक्षक संघ फॉर्म में अभिभावकों ने कहा कि सरकारी विद्यालय से बेहतर शिक्षा अन्य संस्थानों में नहीं हैं। लेकिन, अब आवश्यकता है कि नैतिक शिक्षा, भारतीय संस्कारों और महापुरुषों की जीवनी के लिए भी नियमित कालांश हो। आरपीएससी शिक्षक फोरम राजस्थान के तत्वाधान में 19-20 जनवरी को विभिन्न स्थानों दौसा शहर, लवाण, भगलाव, देवरी आदि गांवों में शिक्षक-अभिभावक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिला अध्यक्ष प्रहलाद फाटक्या वजिला संयोजक कैलाश शर्मा ने बताया कि 19 जनवरी को सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बालकों के अभिभावकों से संपर्क किया और सरकारी विद्यालयों की शैक्षिक, भौतिक और पोषण की गुणवत्ता पर विचार जानें। इस दौरान अभिभावकों ने कहा कि सरकारी विद्यालयों का कोई विकल्प नहीं बन सकता है। हमारे बालकों को कम खर्चे में उत्तम शिक्षा मिल रही है। लेकिन, नितांत आवश्यकता है कि विद्यालयों में प्रतिदिन नैतिक शिक्षा, भारतीय संस्कारों और महापुरुषों की जीवनियों का कालाश हो। जिला मंत्री घनश्याम चौबदार ने कहा कि 20 जनवरी को शिक्षक संवाद कार्यक्रम आयोजित कर शिक्षकों कि समस्याओं का संकलन किया गया। मुख्य रूप से शिक्षकों ने ग्रामीण भत्ता व पुरानी पेंशन पर संशय की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
जिला प्रवक्ता अभय सक्सैना ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत अभिभावकों और शिक्षकों से प्राप्त सुझाव व समस्याओं को अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ के माध्यम से सरकार के समक्ष रखा जाएगा। इस अवसर पर कालूराम मालपुरिया, कमल विगास, महेंद्र जीरोता, कमलेश मीणा, रामखिलाड़ी मीणा, जीतेन्द्र सैनी, भरत लाल मीणा, शंभू पोटर, विनोद सिंह और सुरेश चंद्र सैनी समेत फोरम पदाधिकारी मौजूद रहे।