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झारखंड में ट्रांसजेंडर्स के उत्थान के लिये बोर्ड का गठन किया जायेगा, जिला स्तर पर भी गठित होगी कमेटी

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रांची
झारखंड में ट्रांसजेंडर्स के उत्थान के लिये बोर्ड का गठन किया जायेगा। साथ ही प्रत्येक जिला में उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जायेगा। वर्तमान में ट्रांसजेंडरों को ओबीसी-टू  का दर्जा दिया गया है और विभाग उनके उत्थान के लिये एक समेकित योजना तैयार कर रहा है।

4 वर्षों में पेंशनधारियों में 82 प्रतिशत की वृद्धि
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव कृपानंद झा ने बताया कि विभागीय स्तर पर सामाजिक उत्थान की दिशा में माननीय मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर विभिन्न स्तर पर सामाजिक सुरक्षा के तहत कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने विभाग की योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सर्वजन पेंशन योजना के तहत राज्य में कुल 9 योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें 3 योजनाएं केन्द्र संपोषित हैं तथा 6 योजनाएं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पेंशनधारियों को ससमय लाभान्वित किया जा सके, इसके लिए सरकार ने अलग से 100 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड का इंतजाम किया है।

4 वर्षों में राज्य के पेंशनधारियों में 82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2023 में आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत कुल 6 लाख 56 हजार से ज्यादा पेंशन के आवेदन प्राप्त हुए हैं। विभागीय सचिव ने बताया कि राज्य में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत किसी कारणवश ड्रॉप आउट हो रही बच्चियों को प्रोत्साहित करने के लिए और उन्हें शिक्षित बनाने के लिए 2023-24 में अब तक 6 लाख 21 हजार लाभार्थियों को योजना से आच्छादित किया गया है। वहीं बीते 2022-23 में 7 लाख 28 हजार से ज्यादा बच्चियों एवं किशोरियों को लाभान्वित किया गया था।

"सेनेटरी नैपकिन का भी किया जायेगा वितरण"
कृपानंद झा ने बताया कि राज्य में कुल 378 हजार 432 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 6850 केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। साथ ही 29 हजार से ज्यादा सेविकाओं को स्मार्ट मोबाइल उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 10 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण डीएमएफटी/ सीएसआर फंड के तहत कराने की योजना है। साथ ही केन्द्रों में एलपीजी सिलेंडर, वाटर प्यूरीफायर और स्मार्ट टीवी आदि जैसी सुविधा दी जायेगी।

 मानदेय को लेकर कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए 9500 रुपये प्रतिमाह तथा सहायिकाओं के लिए 4750 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया गया है। इसके अलावा प्रतिवर्ष क्रमशः 500 रुपये और 250 रुपये मानदेय वृद्धि का प्रावधान भी किया गया है। सेविकाओं और सहायिकाओं की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। सेविकाओं और सहायिकाओं को सुविधा देने के साथ केन्द्रों में प्रदाय सेवाओं को ज्यादा प्रभावकारी बनाने का प्रयास भी विभाग की ओर से किया जा रहा है। मातृ किट वितरण की योजना सरकार ने शुरू की है। साथ ही सेनेटरी नैपकिन का भी वितरण किया जायेगा। महिला कल्याण हेतु भी विभाग बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।