भोपाल
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के 5 लाख लड्डुओं की प्रसादी सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को अयोध्या भेजी। उन्होंने लड्डू प्रसादी के पांच कंटेनरों से भोपाल के मानस भवन से हरी झंडी दिखाई। ये कंटेनर श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने गुरुवार देर रात भोपाल भेजे थे। ये लड्डू प्रसादी 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में वितरित की जाएगी। सीएम ने रामगोपाल सोनी की किताब अयोध्या का विमोचन भी किया
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने गुरुवार सुबह तुलसी मानस प्रतिष्ठान (मानस भवन) पहुंचकर भगवा ध्वज लहराते हुए इन प्रसाद रथों को अयोध्या के लिए रवाना किया। इस अवसर पर मंत्री विश्वास सारंग, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक भगवानदास सबनानी समेत बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी बंधु मौजूद थे। रास्ते में प्रसाद रथों का लोगों ने पुष्पवर्षा कर अभिनदंन किया। कुछ मुस्लिम महिलाएं भी पुष्प अर्पित कर प्रसाद रथ का अभिनंदन करती नजर आईं।
इससे पहले तुलसी मानस प्रतिष्ठान पहुंचकर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले श्री सिद्ध रघुनाथ मंदिर में भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिए मंगल कामना की।
एक-एक लड्डू का वजन 50 ग्राम
इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक व अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी भी मौजूद थे. उन्होंने सीएम यादव को एक-एक जानकारी दी. प्रबंध समिति ने बताया कि ये लड्डू लड्डू प्रसाद बेसन, रवा, शुद्ध घी और सूखे मेवों से बनाए जा रहे हैं. बता दें, इन लड्डुओं को बनाने के लिए अतिरिक्त कारीगरों व कर्मचारियों को यहां लगाया गया था. लड्डूओं को पैकेट में पैक कर अयोध्या भेजा गया है. एक लड्डू का वजन लगभग 50 ग्राम है. सीएम मोहन ने लड्डू यूनिट पर अपने हाथों से लड्डू पैक किए थे. उन्होंने इस बात की जांच की कि लड्डू सही तरीके से बनाए जा रहे हैं या नहीं. ये लड्डू 1 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे हैं.
आमंत्रण ठुकराने वालों के लिए सद्बुद्धि की कामना
इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अयोध्या में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव का आमंत्रण ठुकराने वाले विरोधी दलों के नेताओं पर भी तंज कसा और बोले कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे। सीएम ने कहा कि पता नहीं कितनी प्रकार की आत्माएं घूमती हैं, भगवान उन्हें भी सद्बुद्धि प्रदान करे। भगवान के गर्भगृह में प्रवेश करने को भी जाने-अनजाने क्यों विवाद का विषय बनाते हैं, परमात्मा ही जाने। मंदिर बनाने वाले मंदिर बना रहे हैं, प्राण-प्रतिष्ठा कराने वाले प्राण-प्रतिष्ठा करा रहे हैं। अब प्रेम से निमंत्रण दो तो निमंत्रण पर भी प्रश्न उठाते हैं और निमंत्रण ठुकराने का भाव लाते हैं। क्या दुर्भाय है, ऐसा अभागा पृथ्वी पर कौन हो सकता है? ये अभागे तो हैं ही, एक बड़े दल के नेतृत्वकर्ता भी हैं। लेकिन हम उनके लिए भगवान से सद्भावना की कामना करते हैं कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे और हो सकता है कि 22 तारीख तक उन्हें समझ में आ जाए और वो भी कहीं इस अद्भुत दर्शन के स्वरूप को निहारें और इस पूरे भाव को मानें।
सम्राट विक्रमादित्य ने बनवाया था मंदिर
सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह तो उप्र के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मुझे बताया कि हमारे सामने वर्तमान की अयोध्या नगरी का यह जो भौगोलिक स्वरूप है, उसे दो हजार साल पहले सम्राट विक्रमादित्य के काल में जीर्णोद्धार कर नया रूप दिया गया था। भव्य मंदिर भी सम्राट विक्रमादित्य द्वारा बनाया बनवाया गया था। वह युग फिर वापस आ रहा है। भगवान श्रीराम पुन: गर्भ गृह में विराजमान हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भोपाल में राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर आयोजित राज्यस्तरीय सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि राम मंदिर हमारा 17 लाख साल पुराना सपना है। इसमें मध्य प्रदेश भला कैसे पीछे रह सकता है। सीएम ने यह भी कहा था कि उज्जैन स्थित श्री महाकाल मंदिर से 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 5 लाख लड्डू भेजे जाएंगे। बाबा महाकाल का प्रसाद अयोध्या जाएगा।
सीएम ने पिछले दिनों चिंतामन लड्डू निर्माण इकाई का अवलोकन कर आवश्यक निर्देश दिए थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वयं लड्डू निर्माण में कारीगरों का हाथ बंटाया और लड्डू की पैकिंग भी की थी।