Home विदेश चीन में इस महीने कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने का अलर्ट

चीन में इस महीने कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने का अलर्ट

13

नई दिल्ली
चीन को कोरोना संक्रमण से निजात नहीं मिल रहा है. ताजा आंकड़े इसी ओर संकेत कर रहे हैं. दरअसल, चीन में चिकित्सा संस्थानों में फीवर से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी देखी जा रही है. नये साल में मरीजों की संख्या में गिरावट देखी गई है, हालांकि, चीन स्थित ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जनवरी के शेष बचे दिन में कोरोना संक्रमण में फिर से उछाल आने की संभावना है.

इस बाबत National Health Commission के प्रवक्ता एमआई फेंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि पूरे चीन में हेल्थ डिपार्टमेंट में फीवर की शिकायत करने वाले मरीजों की संख्या में उतार-चढ़ाव देखा गया है. वर्तमान में, सांस संबंधी बीमारियां अभी भी मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा हैं. COVID-19 के संक्रमण के मामले कम हैं. मल्टी-चैनल मॉनिटरिंग सिस्टम के हालिया जो आंकड़े आए हैं उसके अनुसार, नए साल की छुट्टी के बाद सेंटिनल अस्पतालों में कोरोना वायरस टेस्ट की पॉजेटिव रिपोर्ट एक प्रतिशत से नीचे रही, साथ ही जेएन.1 वैरिएंट स्ट्रेन के अनुपात में बढ़ोतरी देखी गई.

इन्फ्लूएंजा बी वायरस का अनुपात इन्फ्लूएंजा ए से अधिक

ग्लोबल टाइम्स ने जो रिपोर्ट प्रकाशित की है उसके अनुसार, हेल्थ एक्सर्ट का मानना है कि चीन में लोगों को सर्दियों और आने वाले दिनों में सांस संबंधी बीमारी परेशान करेगी, साथ ही इन्फ्लूएंजा वायरस भी लोगों की परेशानी का कारण बनेगा. वांग के अनुसार, JN.1 वैरिएंट स्ट्रेन के निरंतर बढ़ोतरी देखी जा रही है. घरेलू इन्फ्लूएंजा में धीरे-धीरे गिरावट होगी. लोगों में इम्यूनिटी में गिरावट के कारण जनवरी में COVID-19 महामारी फिर से बढ़ सकती है. JN.1 वैरिएंट की लोगों को ज्यादा संक्रमित करेगी. इस बीच, पिछले पांच हफ्तों में उत्तरी प्रांतों में कोरोना संक्रमण का अनुपात बढ़कर 57.7 प्रतिशत हो गया है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के कुछ प्रांतों में इन्फ्लूएंजा बी वायरस का अनुपात इन्फ्लूएंजा ए से अधिक हो गया है.

चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (NHC) ने हालांकि कहा है कि अभी कोरोना के JN.1 वैरिएंट के मामले कम हैं। लेकिन चीन के हेल्थ अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि देश में JN.1 वैरिएंट का वायरस काफी बड़ी तादाद में मौजूद है। जहां भारत या दुनिया के अन्य देशों में कोरोना के इस नए वैरिएंट से सांस लेने में तकलीफ और इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।

भारत में कोरोना का क्या हाल?

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 375 नए मामले दर्ज किए गए हैं। देश में अभी कोरोना के 3,075 मरीज हैं। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से 2 लोगों की मौत भी हुई है। यही नहीं, भारत में कोरोना के मामले में फिलहाल कमी दर्ज की जा रही है। 5 दिसंबर 2023 से देश में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के केस बढ़ने लगे थे। हालांकि, दिसंबर के अंत तक इसके मामले में कमी आने लगी थी। जनवरी के दूसरे हफ्ते में भी कोरोना के मामलों में कमी दर्ज की गई है। 6 जनवरी तक देश के 12 राज्यों में JN.1 वैरिएंट के कुल 682 नए मामले दर्ज किए गए थे। सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कहा था कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।

चीन क्यों डर रहा है?

चीन के विशेषज्ञ कोरोना के इस नए वैरिएंट से सतर्क हो गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में कई सांस से संबंधित बीमारियां फैल सकती हैं। चीन में अस्पतालों को कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सतर्क कर दिया गया है। यही नहीं, चीन ने कोरोना से निपटने के लिए अपने हेल्थ वर्क्स की ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू कर दिया है।

भारत में घट रहे हैं कोरोना के केस

देश में तापमान में कमी के बाद ही कोरोना के मामले में बढ़ने लगे थे। JN.1 ओमीक्रोन का सब वैरिएंट ही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के इस नए सब वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कन्सर्न' बताया था। इस नए वैरिएंट से मौत का आंकड़ा भी बेहद कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक नए वैरिएंट से मौत का आंकड़ा 1.81 फीसदी है।

गौरतलब है कि भारत और अमेरिका की हेल्थ एजेंसियों ने ओमीक्रोन के सब वैरिएंट JN.1 के बारे में जानकारी साझा की है। इस जानकारी के मुताबिक, दुनिया में अभी सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज JN.1 वैरिएंट के ही मिल रहे हैं।