मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में अनियमित निर्माण कार्यों को नियमित कराने के लिए नियमों में पारदर्शिता लाने और सरलीकरण करने के निर्देश दिए है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम में संशोधन किया गया है। संशोधित अधिनियम, 2022 छत्तीसगढ़ के राजपत्र में 14 जुलाई 2022 को प्रकाशित होने के साथ ही यह पूरे प्रदेश में प्रभावशाली हो गया है। इसके नियमों का भी प्रकाशन 02 अगस्त 2022 को हो गया है। नियम प्रकाशित होने के बाद अब नये नियमों के तहत आवेदन लिए जा रहे है। इस नए नियम से प्रदेश के नागरिकों को राहत मिलेगी और वे आसानी से निर्माण कार्यों को नियमित करा सकेंगे।
नगर निगम सीमा के भीतर नगर निगम तथा नगर पालिकाओं में तथा निगम, पालिका के सीमा के बाहर तथा निवेश क्षेत्र के अंदर नगर निवेश विभाग के कार्यालय में आवेदन जमा होंगे। आवेदक को आवेदन के साथ मकान के कागजात, मकान के फोटोग्रॉफ्स आर्किटेक्ट द्वारा बनाए गए मकान का नक्शा और सम्पत्ति कर या बिजली बिल की रशीद की कॉपी संलग्न करनी होगी।
इस अधिनियम में किए गए नए संशोधन के अनुसार निवेश क्षेत्र के अंतर्गत आए हुए आवेदनों के निराकरण के लिए जिम्मेदारी तय कर दी गई है। ऐसे ग्राम/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, जो नगरीय निकाय सीमा के बाहर आता है। वहां आवेदन नगर या ग्राम निवेश विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में लिए जाएंगे। सत्यापन परीक्षण के पश्चात इन आवेदनों को नियमितिकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारी को प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सदस्य सचिव की होगी। इसी तरह नगर-निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत जो निवेश क्षेत्र के अंतर्गत आते है। इन जगहों पर स्थानीय निकायों द्वारा आवेदन लिए जाएंगे और जिला नियमितिकरण प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
अधिनियम में संशोधन के बेहतर क्रियान्वयन और आमजन को इस संशोधन का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए कलेक्टर, नगरीय निकाय अधिकारी, नगर एवं ग्राम निवेश अधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा की जाएगी।
गौरतलब है कि शहरों की बढ़ती आबादी, वाहनों की बढ़ती संख्या और यातायात की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए राज्य शासन ने शहरी क्षेत्रों में पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 में संशोधन करते हुए अब कड़े प्रावधान किए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों पर अन्य निर्माण को हतोत्साहित करना तथा पार्किंग व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखना है। अधिनियम में यह संशोधन छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक 2022 के अनुसार किए गए हैं। इस संशोधन के जरिये अपीलार्थियों को राहत भी दी गई है। उन्हें अपील लंबित रहने की अवधि में अब अधिकतम एक वर्ष का ही भाड़ा देना होगा, जबकि पूर्व में उन्हें नियमित भाड़ा देना होता था।
अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि यदि अधिकृत विकास निर्धारित पार्किंग हेतु आरक्षित भू-खण्ड/स्थल पर किया गया है, तो नियमितिकरण की अनुमति तभी दी जाएगी जब आवेदन द्वारा पार्किंग की कमी हेतु निर्धारित अतिरिक्त शास्ति राशि का भुगतान कर दिया गया हो।