नई दिल्ली.
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से रविवार को इस्तीफा दे दिया। इसे लेकर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पार्टी आलाकमान पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान राम के मंदिर के निमंत्रण को ठुकराने का यह प्रकोप है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कृष्णम ने कहा, 'कांग्रेस में कुछ ऐसे लोगों का कब्जा हो गया है जो न तो सच सुनना चाहते हैं, न सनातन, राम की बात सुनना चाहते हैं। जो श्री राम और सच की बात, जमीनी हकीकत को बताने की कोशिश करेगा उसे कांग्रेस छोड़नी पड़ रही है।'
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भगवान राम के मंदिर के निमंत्रण को जिस तरह ठुकराने का काम किया गया है, मुझे लगता है कि उनका प्रकोप शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, 'मैं तो यही प्रार्थना करूंगा कि कुछ लोगों की गलतियों की सजा पूरी कांग्रेस को न मिले।' वहीं, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, 'वे कांग्रेस छोड़कर चले गए ये अफसोस की बात है। लेकिन मैं ये देख रहा हूं कि ज्यादातर वे लोग जो सरकार में रहे कांग्रेस के जमाने में और युवा रहे… वे क्यों छोड़कर जा रहे हैं और इस पर विचार करना पड़ेगा। एक ही दिन के अंदर आप अपनी विचारधारा कैसे बदल सकते हैं? ऐसा लगता है आज की राजनीति में विचारों की अहमियत कम हो गई है और सत्ता की अहमियत ज्यादा हो गई है।'
देवड़ा के शिंदे वाली शिवसेना में शामिल होने की अटकलें
राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ दिनों से चर्चा है कि मिलिंद देवड़ा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। देवड़ा को हाल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का संयुक्त कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। देवड़ा ने दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) के दावे को लेकर अस्वीकृति व्यक्त की थी। अविभाजित शिवसेना के अरविंद सावंत ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में देवड़ा को हराया था। सावंत अब ठाकरे गुट में शामिल हैं। देवड़ा एक समय कांग्रेस की मुंबई इकाई के प्रमुख भी थे। वह पार्टी के दिग्गज नेता दिवंगत मुरली देवरा के बेटे हैं।