एडिलेड
17 जनवरी से शुरू हो रहे टेस्ट मैच में पहली बार स्टीव स्मिथ बतौर टेस्ट ओपनर मैदान में उतरेंगे. वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले इस टेस्ट मैच के लिए स्टीव स्मिथ रविवार को नेट पर नई गेंद के सामने बल्लेबाजी अभ्यास करते नजर आए. नेट सेशन के बाद उन्होंने बताया कि उनके टेस्ट ओपनर बनने की कहानी कहां से शुरू हुई और कैसे इस मुकाम तक पहुंची. उन्होंने बताया कि पहली बार एशेज के दौरान उन्होंने यह आइडिया दिया था लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ इस साल जनवरी में हुए सिडनी टेस्ट तक उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा था.
स्टीव स्मिथ ने कहा, 'मैं इसके लिए पिछले कुछ हफ्तों से लगातार जोर दे रहा था. यहां तक कि पर्थ टेस्ट (पाकिस्तान के खिलाफ) से पहले एशेज के वक्त भी मैंने इस बारे में बात की थी. इंग्लैंड दौरे के दौरान मैंने ऐसे ही कह दिया था कि मैं टॉप ऑर्डर में खेलूंगा और वहां खेलकर मुझे खुशी होगी. पर्थ में मैंने कहा था कि डेविड वॉर्नर जा रहे हैं और मैं अब उनकी जगह लेने के लिए उत्सुक हूं. मुझे नहीं लगता कि उन्होंने सिडनी टेस्ट तक मुझे गंभीरता से लिया था. मैं यह कहता रहता था कि मैं सच कह रहा हूं. मैं ओपनिंग करने और नई गेंद का सामना करने के लिए उत्सुक हूं. तब तक वह यही बोलते रहे कि ठीक है, हम इसे सलाह के तौर पर ले रहे हैं और देखते हैं कि क्या सही रहता है.'
टॉप ऑर्डर में फेल हुए तो क्या?
आखिरी में स्टीव स्मिथ की यह इच्छा पूरी हो गई और टीम मैनेजमेंट ने उन्हें डेविड वॉर्नर के रिप्लेसमेंट के लिए सबसे बेहतर विकल्प माना. अब वह चौथे क्रम की बजाय उस्मान ख्वाजा के साथ ओपनिंग आएंगे. हालांकि यह स्मिथ के लिए एक रिस्क भी है. जब उनसे पूछा गया कि अगर वह टॉप पर फेल होते हैं और कैमरून ग्रीन नंबर-4 पर अच्छा कर जाते हैं तब वह बल्लेबाजी क्रम में कहां आना चाहेंगे? इस पर स्मिथ ने साफ-साफ कहा कि वह फिलहाल इस तरह की नकारात्मक बातें नहीं सोच रहे हैं.
स्मिथ ने कहा, 'मैं इस तरह की बातें सोचना पसंद नहीं करता. मैं किसी भी तरह के नकारात्मक विचार नहीं सोचना चाहता. अगर ऐसा होता भी है तो हो सकता है कि कोई विशेषज्ञ ओपनर मेरी जगह ले और मैं फिर से बैटिंग ऑर्डर में नीचे आ जाऊं.'