ग्वालियर
कूनो नेशनल पार्क में आए तीन नए मेहमान चीता शावकों के लिए अब ठंड बड़ी चुनौती है। ठंड के कारण एक शावक की तबीयत खराब होने की भी खबर है। कूनो के चिकित्सक निगरानी कर रहे हैं। यहां गर्म रहने वाली घास रखवाई गई है जिससे मादा चीता आशा व उसके शावकों को गर्मी मिल सके।
चीतों के जिंदा बचने की दर 10 फीसद ही रहने के कारण कूनो प्रबंधन की चिंता ज्यादा है। पिछले साल ज्वाला चीता द्वारा जन्मे चार शावकों में से तीन की अत्यधिक गर्मी से मौत हो गई थी। कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को लाया गया था, जिसमें से 10 मादा व 10 नर चीता थे।
तीन मादा चीता और तीन नर चीता की मौत हो चुकी है। चीता पुनर्स्थापना प्रोजेक्ट में भारत में शावकों का जन्म शामिल है। अभी तक नामीबिया से लाई गई ज्वाला और आशा ने ही शावकों को जन्म दिया है।
ज्वाला द्वारा 27 मार्च 2023 को जन्मे चार शावकों में से तीन की दो माह बाद ही मौत हो गई थी। हाल ही में 03 जनवरी 2024 को आशा द्वारा जन्मे तीन शावकों से बड़ी उम्मीदें हैं। चीतों के स्वभाव के अनुसार प्रबंधन शावकों के नजदीक जाकर उनकी देखरेख नहीं कर सकता। विशेषज्ञ चिकित्सक सीसीटीवी कैमरों की मदद से जरूर निगरानी रखे हैं। कड़ाके की सर्दी के बीच खबर है कि एक शावक ठंड से परेशान है, वह बीमार बताया गया है।