भोपाल
शहर में कलात्मक, सांस्कृतिक, सामाजिक, खेल, धार्मिक आदि गतिविधियों का सिलसिला निरंतर चलता रहता है। शुक्रवार 12 जनवरी को भी शहर में ऐसी अनेक गतिविधियों का आयोजन होने जा रहा है, जिनका आप आनंद उठा सकते हैं।
भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल: भारत भवन में साहित्य और कला प्रेमियों को समर्पित तीन दिवसीय भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल का छठवां संस्करण 12 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। इसमें 3 दिन तक कुल 50 सत्र होंगे, जिनमें 90 से ज्यादा वक्ता शामिल होंगे। फेस्टिवल के दौरान युवाओं के लिए कहानी पाठ, चित्रकारी और काव्य प्रतियोगिताएं भी होंगी। इस तीन दिवसीय महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय परिदृश्य, कला और साहित्य को समर्पित विभिन्न विषयों पर 50 से भी ज्यादा सत्रों का आयोजन हर रोज सुबह 11 से रात आठ बजे तक होगा।
बाग उत्सव: मप्र हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम की ओर से जवाहर चौक में स्थित मृगनयनी एंपोरियम में बाग उत्सव के तहत बाग प्रिंट के वस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है। बाग उत्सव का समय सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक है।
माह का प्रादर्श: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मावन संग्रहालय के वीथि संकुल में माह का प्रादर्श के रूप में टेराकोटा पात्र पर चित्रित मनसा घट को प्रदर्शित किया गया है। बंगाली लोक कला के इस शानदार नमूने का अवलोकन सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक किया जा सकता है।
चित्र प्रदर्शनी: मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय की लिखंदरा दीर्घा में भील चित्रकार मुकेश बारिया के चित्रों की प्रदर्शनी सह-विक्रय का शुभारंभ आज होगा। प्रदर्शनी को दोपहर 12 बजे से शाम सात बजे तक देखा जा सकता है।
पुरातत्व प्रदर्शनी: राज्य संग्रहालय में डा. वीएस वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान द्वारा प्रदेश भर में निष्पादित पुरातत्वीय कार्यों और शैलश्रालयों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसे सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक देखा जा सकता है।
परी बाजार: भोपाल की कला, संस्कृति और साहित्य पर केंद्रित परी बाजार का आयोजन गौहर महल में किया जा रहा है। इसमें जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित वान्या के सात स्टाल्स लगे हैं। बेगम आफ भोपाल क्लब की ओर से आयोजित इस चौथे परी बाजार में प्रदेश के जनजातीय अंचलों से आए कलाकार भी अपनी गोंड, भील और बैगा पेंटिंग्स व हस्तशिल्प का प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं वन्या द्वारा जनजातीय व्यंजनों का एक स्टाल भी लगाया गया है। इसे दोपहर 01 से रात 08 बजे तक देखा जा सकता है।