भोपाल
मध्यप्रदेश के छह शहरों को इस बार स्वच्छ शहर सर्वेक्षण में पुरस्कार मिले है। इंदौर अपनी श्रेणी में इस बार भी देश का सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने में सफल रहा है। राष्टÑपति द्रोपदी मुर्मू ने गुरुवार को दिल्ली में मध्यप्रदेश के छह शहरों को ये पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, भोपाल और इंदौर के महापौर, नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, आयुक्त भरत यादव सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
नई दिल्ली के मंडपम कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ये सम्मान प्रदान किए। मध्यप्रदेश को राष्टÑीय स्तर पर देश के स्वच्छ प्रदेश का पुरस्कार मिला है। वहीं मध्यप्रदेश के इंदौर, कंटोनमेंट श्रेणी में महू कंटेंनमेंट बोर्ड, भोपाल, अमरकंटक, नौरोजाबाद को राष्टÑीय स्तर का तथ बुधनी शहर को जोनल लेवल की श्रेणी में पुरस्कार प्रदान किए गए। मध्य प्रदेश ने देश का सबसे स्वच्छ राज्य के दूसरे स्थान का पुरस्कार जीता। पिछले साल मप्र पहले स्थान पर रहा था। सीएम डॉ. मोहन यादव ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। महाराष्ट्र पहले और छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर रहा। वहीं भोपाल देश का पांचवां सबसे साफ शहर बना। पिछले साल ये छठवें स्थान पर था।
इस बार इंदौर के साथ सूरत भी नंबर-1
स्वच्छता में इंदौर का एकाधिकार खत्म हो गया है। इंदौर के साथ-साथ सूरत को भी देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। इंदौर और सूरत को एक साथ देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल हुआ है।
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में नौरोजाबाद-प्रथम, अमरकंटक-सेकेंड 20 हजार आबादी में बुधनी को सम्मान।
महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवॉर्ड मिला। ये अवॉर्ड डायरेक्टर जनरल जीएस राजेश्वरन ने प्राप्त किया।
इंदौर राजवाड़ा पर होगा मुख्य समारोह
नगर निगम की टीम राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार लेकर गुरुवार रात करीब 8.30 बजे तक इंदौर पहुंच जाएगी। टीम एयरपोर्ट से सीधे राजवाड़ा पहुंचेगी। यहां देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद जश्न मनाया जाएगा। ढोल-ताशे के साथ निगमकर्मी, सफाई मित्र, अधिकारी, कर्मचारी आयोजन में शामिल होंगे। इस मौके पर मिठाई वितरण भी किया जाएगा। कोई भी आम शहरी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकेगा।
केंद्रीय मंत्री पुरी बोले-स्वच्छता केवल आदत नहीं, आंदोलन है…
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने की मांग की थी और खुले में शौच जाने को खत्म करने का बिड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी को स्वच्छ भारत से बेहतर तोहफा कैसे होगा। यह मिशन एक आंदोलन बन गया। इसमें सभी ने श्रमदान किया। यह अब अभिन्न अंग बन गया है। सख्त प्रक्रिया है। 2016 में यह सर्वेक्षण शुरू हुआ जो अब सबसे बड़ा सर्वेक्षण बन गया है। लगभग सभी शहरों और गांवों में बड़ी संख्या में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। 2014 में 14 से 15 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग होती थी, लेकिन अब 75 से 76 प्रतिशत तक कचरा प्रोसेस होता है।