स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन द्वारा शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापकों को सम्मानित किया। उन्होंने महाविद्यालय के 30 वरिष्ठ एवं सेवानिवृत्त चिकित्सा शिक्षकों का सम्मान किया। उन्होंने कार्यक्रम में पैथोलॉजी प्रैक्टिकल मैनुअल के दो खण्डों का विमोचन भी किया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सिंहदेव ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सब यहां उपस्थित होकर सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन जी को याद कर रहे हैं। हम सामान्य रूप से जब डॉक्टरों के बारे में सोचते हैं तो चिकित्सक के रूप में ही सोच पाते हैं। शिक्षक के रूप में सोच नहीं पाते हैं। इस बात पर ध्यान नहीं जाता कि इन्होंने जिन्हें पढ़ाकर तैयार किया है उन्हें डॉक्टर के रूप में समाज में देवतुल्य सम्मान मिलता है। ऐसे लोगों के सम्मान के अवसर पर मुझे भी उपस्थित होने का मौका मिला इसके लिए मैं मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं।
श्री सिंहदेव ने कहा कि छात्र गुरूजनों तक अपनी भावनाएं नहीं पहुंचा पाते। इसका अवसर कम ही मिल पाता है। मुझे नहीं लगता कि मैं अपनी भावनाओं से अपने शिक्षकों को कभी अवगत करा पाया। मैं उनके लिए क्या सोचता हूं, मेरे मन में उनके लिए आदर का, सम्मान का जो भाव है, जीवन में कभी भी मुझे अवसर नहीं मिल पाया कि उनको अपनी भावनाएं बता सकूं। श्री सिंहदेव ने रायपुर मेडिकल कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राध्यापकों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि इस संस्थान को खड़ा करने और प्रतिष्ठा दिलाने में आप लोगों की महती भूमिका है। आप लोगों ने जिन्हें तैयार किया अब वे नए लोगों को तैयार कर कर रहे हैं। यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा। मैं आप लोगों को आश्वस्त करता हूं कि अगले वर्ष कॉलेज की डायमंड जुबली शानदार ढंग से मनाई जाएगी।
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मैं इस सभागार की पहली पंक्ति में आज जो वरिष्ठ चिकित्सक बैठे हैं वे इस महाविद्यालय की नींव हैं। इन सभी चिकित्सक-शिक्षकों को यहां देखकर गौरव की अनुभूति हो रही है। इन्होंने इस महाविद्यालय को बनाया है, पाला-पोसा है, बड़ा किया है। इसलिए आज रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थाओं में गिना जाता है। इसका पूरा श्रेय इन लोगों को जाता है। हम स्वयं को सौभाग्यशाली समझते हैं कि चिकित्सा एवं शिक्षा जैसे दो सबसे सम्माननीय पेशे से एक साथ जुड़े हैं।