स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार वितरण समारोह आज 11 जनवरी को नई दिल्ली में
राष्ट्रपति करेंगी पुरस्कार वितरण
स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री होंगे कार्यक्रम में शामिल
भोपाल
स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार वितरण समारोह 11 जनवरी को नई दिल्ली के भारत मण्डपम कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु की उपस्थिति में होगा। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नगरीय एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी शामिल होंगी।
पुरस्कार वितरण समारोह में प्रमुख सचिव नगरीय विकास नीरज मण्डलोई, आयुक्त नगरीय विकास भरत यादव, मिशन डायरेक्टर शिवम वर्मा के साथ पुरस्कृत नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय निकायों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इंदौर शहर ने 6 बार लगातार देशभर में स्वच्छ शहर के रूप में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है।
प्रदेश के 6 शहर इंदौर, भोपाल, महूकेंट, अमरकंटक, नौरोजाबाद और बुधनी शहर राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ सर्वेक्षण में पुरस्कृत होंगे।
सत्र 2023-24 में प्रवेशित छात्राओं के लिए "गांव की बेटी योजना" एवं "प्रतिभा किरण योजना" में आवेदन सुविधा प्रारंभ
भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित "गाँव की बेटी योजना" एवं "प्रतिभा किरण योजना" के अंतर्गत शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेशित छात्राओं के ऑनलाईन नवीन एवं नवीनीकरण आवेदन के लिए राज्य छात्रवृत्ति पोर्टल 2.0 पर सुविधा प्रारंभ कर दी गई हैं।
विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, उच्च शिक्षा आर के गोस्वामी ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग से संबद्ध विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में अध्ययनरत शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेशित समस्त पात्र छात्राएं "गांव की बेटी योजना" एवं "प्रतिभा किरण योजना" के अंतर्गत ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में अध्ययनरत शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेशित समस्त पात्र छात्राऐं भी उक्त योजनाओं के अंतर्गत ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दी विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश वासियों को 'विश्व हिंदी दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया में जारी संदेश में कहा कि विश्व में भारत का सशक्त प्रतिनिधित्व करने वाली हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है। उन्होंने हिंदी के सम्मान को अक्षुण्ण बनाए रखने और इसके प्रचार-प्रसार में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का संकल्प लेने के लिए प्रदेशवासियों को प्रेरित किया।