Home मध्यप्रदेश आयुर्वेद को पुर्नस्थापित कराना हमारी प्राथमिकता – आयुष मंत्री परमार

आयुर्वेद को पुर्नस्थापित कराना हमारी प्राथमिकता – आयुष मंत्री परमार

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  • आयुर्वेद को पुर्नस्थापित कराना हमारी प्राथमिकता – आयुष मंत्री परमार
  • योग और शिक्षा के समन्वय से प्रभावी होगा परिदृश्य: परमार
  • आयुष मंत्री परमार ने विभागीय परिदृश्य एवं कार्ययोजना की समीक्षा की

भोपाल

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने आज मंत्रालय स्थित कक्ष में आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय विकास के परिदृश्य एवं कार्ययोजना की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों एवं राज्य सरकार के संकल्प अनुरूप विभागीय कार्ययोजनाओं पर तीव्रता से क्रियान्वयन हो। मंत्री परमार ने 100 दिन की विभागीय कार्ययोजना पर चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पर विश्वास का भाव जागृत करने की आवश्यकता है। इसके लिए आयुर्वेद को पुर्नस्थापित कराना ही हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि योग और शिक्षा के परस्पर तालमेल से भावी परिदृश्य बेहतर और प्रभावी होगा। मंत्री परमार ने अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागीय बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

बैठक में प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव एवं आयुक्त श्रीमती सोनाली पोंक्षे वायंगणकर सहित सभी विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

समाज के लिए समाधान और सदमार्ग प्रशस्त करती हैं शिक्षा – उच्च शिक्षा मंत्री परमार

श्रेष्ठ व्यक्तित्व का निर्माण और समग्र विकास, शिक्षा का मूल ध्येय : परमार
सरोजिनी नायडू कन्या महाविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी हुई

भोपाल

शिक्षा ही सम्पूर्ण समाज के लिए समाधान और सदमार्ग प्रशस्त करती है। हमारे देश की परम्परा एवं मान्यता में शिक्षा का सर्वोच्च स्थान है। समाधानरहित शिक्षा महत्वहीन है। श्रेष्ठ शिक्षा का मूल ध्येय व्यक्तित्व का निर्माण और समग्र विकास है। विश्व का भारत के प्रति दृष्टिकोण बदला है और स्वत्व के भाव को जागृत कर देश अपनी परंपराओं और मान्यताओं के साथ समाज से जुड़े हर प्रश्नों के समाधान की ओर बढ़ रहा है। सामाजिक एवं व्यक्तिगत विकारों के समग्र उन्मूलन पर चिंतन मनन हो रहा है। मनोदैहिक विकारों को पहचानने और उनके निदान के सम्पूर्ण विचार मंथन को समाज में प्रसारित करने से आशाजनक परिणाम आएंगे। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने आज भोपाल के सरोजिनी नायडू शासकीय (स्वशासी) कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में "भारतीय संदर्भ में मनोदैहिक विकार एवं समग्र कल्याण" विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कही।

परमार ने कहा कि ऐसी संगोष्ठियां समाज को दिशा देंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण और समान शिक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। सामाजिक सरोकार से जुड़ी इस सार्थक पहल के लिए मंत्री परमार ने शुभकामनाएं एवं बधाई दी।

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. शैलबाला सिंह बघेल ने महाविद्यालयीन परिदृश्यों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जनभागीदारी समिति अध्यक्ष डॉ. भारती सातनकर, लखनऊ से पधारे मुख्य वक्ता डॉ. राकेश कुमार त्रिपाठी, विषय विशेषज्ञ डॉ. ज्ञानेश कुमार तिवारी, कार्यक्रम संयोजक संतोष रलावनिया, डॉ. माधवी लता दुबे सहित विभिन्न प्राध्यापक एवं छात्राएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन सह-संयोजिका डॉ. सीमा पाठक ने किया।

विद्यार्थियों के प्रवेश, परीक्षा और परिणाम निर्धारित समयावधि में सुनिश्चित हो: उच्च शिक्षा मंत्री परमार

संकल्प अनुरूप कार्ययोजनाओं पर तीव्रता से हो क्रियान्वयन : मंत्री परमार
उच्च शिक्षा मंत्री परमार द्वारा मंत्रालय में विभागीय परिदृश्य एवं कार्ययोजना की विस्तृत समीक्षा

भोपाल

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने मंत्रालय स्थित सभाकक्ष में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय परिदृश्य एवं कार्ययोजना की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों एवं राज्य सरकार के संकल्प के अनुरूप विभागीय कार्ययोजनाओं पर तीव्रता से क्रियान्वयन हो। परमार ने विभागीय अधिकारियों के साथ 100 दिवस के लिए विभागीय कार्ययोजना पर बिंदुवार चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रवेश, परीक्षा और परिणाम निर्धारित समयावधि में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सत्र समय पर प्रारंभ हों, नियत समय पर परीक्षाएं होकर निर्धारित समयावधि पर परिणाम जारी करने के लिए दृढ़ता से क्रियान्वयन करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसरण में विभागीय परिदृश्य और प्रदेश में शिक्षा नीति पर क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति पर सूक्ष्मता से चर्चा भी की। उन्होंने निर्देश दिए कि कन्या महाविद्यालय परिसरों में छात्राओं की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा के सी गुप्ता, उप सचिव श्रीमती संज्ञमित्रा गौतम, मंत्रालय एवं संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।