मदीना
सऊदी अरब के दौरे पर पहुंची भारत की महिला और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने मुस्लिमों के लिए सबसे पवित्र शहरों में शुमार मदीना का दौरा किया है। माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मदीना शहर में एक गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है। यही नहीं स्मृति इरानी ने इस दौरान हिजाब भी नहीं पहन रखा था। अपने इस्लामिक कानूनों के लिए चर्चित सऊदी अरब में स्मृति ईरानी के मदीना शहर पहुंचने को ऐतिहासिक माना जा रहा है। स्मृति इरानी ने भारतीय हज यात्रियों के लिए की जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। इसे भारतीय कूटनीति की बड़ी जीत माना जा रहा है। सऊदी अरब के प्रिंस ने मदीना शहर को गैर मुस्लिमों के लिए भी साल 2021 में खोला था।
मृति ईरानी ने एक्स पर लिखा कि मैंने आज मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की, इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक में पैगंबर की मस्जिद अल मस्जिद अल नबवी, उहुद के पहाड़ और पहली इस्लामी मस्जिद कुबा की यात्रा शामिल है। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्हें इस्लाम की शुरुआत के बारे में जानने का मौका मिला। स्मृति इरानी के साथ विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन भी शामिल थे। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि यह अपने आप में बहुत उल्लेखनीय और अप्रत्याशित घटनाक्रम था। मदीना में यह पहला गैर मुस्लिम प्रतिधिमंडल था जिसका इस पवित्र शहर में स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि यह भारत और सऊदी अरब के बीच बेहतरीन संबंधों को दर्शाता है।
हज यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी
इससे पहले स्मृति इरानी ने सऊदी अरब के साथ हज 2024 को लेकर द्विपक्षीय समझौता किया। इसके तहत अब भारतीय हज यात्रियों का कुल कोटा 1,75,025 तक पहुंच गया है। इसके अलावा स्मृति इरानी ने उमरा के लिए सऊदी अरब गए भारतीय लोगों के साथ मुलाकात की। भारतीय मंत्री ने हजारों की तादाद में आने वाले भारतीय हज यात्रियों के लिए अच्छी सुविधाएं देने की प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा स्मृति इरानी अल बलाद जेद्दा गईं जो यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है। सऊदी अरब ने मदीना में गैर मुस्लिम दल को जाने की अनुमति देकर अभूतपूर्व रवैया अपनाया।
मुस्लिमों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है मदीना शहर?
मदीना इस्लाम धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों के लिए दो सबसे पवित्र शहरों में शामिल है। दुनियाभर मुस्लिमों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण शहर है। मदीना शहर सऊदी अरब के हेजाज इलाके में शामिल है। मदीना वह शहर है जहां पर पैगंबर मोहम्मद प्रवास किए थे। यही से इस्लामिक कैलेंडर की शुरुआत मानी जाती है। स्मृति इरानी अल मस्जिद अल नबवी के बाहरी दीवारों के पास तक गईं। इसके बाद वह उहूद पर्वत को भी देखने गईं। उन्होंने कूबा मस्जिद को भी देखा। उहूद पर्वत के पास भयानक लड़ाई हुई थी और कई इस्लामिक शहीदों की कब्र यहां पर है। वहीं कूबा को इस्लाम की पहली मस्जिद माना जाता है।