श्रीगंगा नगर.
श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर चुनाव हारने के बाद सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा अग्रेषित राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेंद्र पाल सिंह टीटी के त्यागपत्र को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।
बता दें कि सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को श्रीकरणपुर सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंद्र सिंह कुन्नर से 11 हजार 283 वोट से हार का सामना करना पड़ा। टीटी को हाल ही में बीजेपी ने मंत्री भी बनाया था। श्रीकरणपुर सीट का चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी की मौत के कारण स्थगित हो गया था। इस सीट पर पांच जनवरी को मतदान हुआ था। चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी और कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंद्र कुन्नर के बीच सीधा मुकाबला था। रूपिंद्र सिंह कुन्नर को कुल 94,950 वोट मिले थे। वहीं, टीटी को 83,667 मत के साथ दूसरे नंबर पर रहे। आम आदमी पार्टी के पृथिपाल सिंह को 11,940 वोट मिले। निर्दलीय तीतर सिंह को इस बार 1,223 मत हासिल हुए।
एक उम्मीदवार के निधन से स्थगित हो गया था चुनाव
श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने गुरमीत सिंह कूनर को उम्मीदवार बनाया था. गुरमीत सिंह कूनर तब विधायक भी थे. बतौर सिटिंग विधायक चुनाव मैदान में उतरे गुरमीत का चुनाव प्रक्रिया के बीच निधन हो गया था. कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के बाद इस सीट के लिए मतदान स्थगित कर दिया गया था. करणपुर सीट के लिए 5 जनवरी को मतदान हुआ था और नतीजे 8 जनवरी को हुई मतगणना के बाद आए.
बीजेपी को क्यों नहीं मिल पाया सत्ता में होने का लाभ
बीजेपी के सत्ता में आने के बाद करणपुर की लड़ाई रोचक हो गई थी. भजन सरकार के गठन से महीनेभर के भीतर हुए इस चुनाव को नई-नई सरकार की पहली परीक्षा के रूप में भी देखा जा रहा था. लेकिन जब नतीजे आए, बीजेपी को निराशा हाथ लगी. पार्टी का सत्ता में होना भी उसके उम्मीदवार को जीत नहीं दिला सका. बीजेपी की सत्ता पर गुरमीत के निधन से उपजी संवेदना भारी पड़ गई और विपक्षी कांग्रेस के उम्मीदवार रूपिंदर ने नई-नवेली सरकार के नए-नवेले मंत्री को करारी शिकस्त दे दी.
दरअसल, कांग्रेस ने इस सीट से गुरमीत सिंह कूनर के पुत्र रूपिंदर सिंह पर दांव लगाया था. गुरमीत के निधन की वजह से ही इस सीट पर 25 नवंबर को वोटिंग स्थगित हो गई थी. कूनर कांग्रेस के ही टिकट पर 2018 के चुनाव में करणपुर सीट से विधानसभा पहुंचे थे. पार्टी को इस चुनाव में संवेदना का भी लाभ मिला. संवेदना की लहर में कूनर के पुत्र रूपिंदर ने बीजेपी के सुरेंद्र पाल को 12 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया.
काम न आया वोटिंग से पहले मंत्री बनाने का दांव
करणपुर सीट पर मतदान से ठीक 10 दिन पहले 25 दिसंबर को भजन सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. इस मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे अधिक चौंकानेवाला नाम सुरेंद्र पाल सिंह टीटी का ही था. जिस सीट पर अभी मतदान बाकी है, उस सीट से उम्मीदवार को मंत्री बना दिया गया. बीजेपी के इस दांव के पीछे रणनीति करणपुर के मतदाताओं को संदेश देने की मानी जा रही थी. लेकिन पार्टी का यह दांव भी करणपुर में कमल नहीं खिला सका. कांग्रेस ने इसे मतदाताओं को प्रभावित करने की रणनीति से से उठाया गया कदम बताते हुए मोर्चा खोल दिया. कांग्रेस करणपुर चुनाव में बीजेपी के मंत्री कार्ड को काउंटर करने में सफल रही.
करणपुर में जीत को लेकर अति आत्मविश्वास
सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को जब भजन सरकार में मंत्री बना दिया गया, बीजेपी की जीत को लेकर नेता से लेकर कार्यकर्ता तक आत्मविश्वास से सराबोर हो गए. खुद सुरेंद्र पाल ने मंत्री बनाए जाने के बाद करणपुर सीट से जीत का दावा करते हुए यह कहा था कि मतदाता समझदार हैं. सुरेंद्र विधानसभा पहुंचे तो मंत्री होने के नाते करणपुर के विकास की रफ्तार तेज होगी, बीजेपी के नेताओं ने यह संदेश देने की कोशिश जरूर की. लेकिन यह कवायद भी उस स्तर पर नजर नहीं आई जिसके लिए बीजेपी पहचान रखती है.
कार्यकर्ता भी यह मान बैठे कि सुरेंद्र मंत्री बन गए हैं तो मतदाता खुद ही विपक्षी पार्टी के साथ जाने की जगह अगले पांच साल जिस दल की सरकार रहनी है, उसके साथ जाएंगे. अमूमन ऐसा होता भी है. कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार में उतनी सक्रियता नहीं दिखाई और नतीजा यह हुआ कि सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के अति आत्मविश्वास का नतीजा बीजेपी को हार के रूप में मिला.
जनादेश को सहर्ष स्वीकार करते –
श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने जनादेश को सहर्ष स्वीकार करते हुए मंत्री पद से त्याग पत्र दिया। आप पुनः करणपुर विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों में समर्पित रहेंगे।
– भजन लाल शर्मा, सीएम
18 राउंड में काउंटिंग हुई, 2 को छोड़ सभी 16 राउंड में पिछड़े टीटी
राउंड | कांग्रेस उम्मीदवार | वोट | बीजेपी उम्मीदवार | वोट |
पहला राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 4398 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 5122 (724 ज्यादा) |
दूसरा राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 6268 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 5360 (908 कम) |
तीसरा राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 4280 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 3834 (416 कम) |
चौथा राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 4981 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 4565 (416 कम) |
पांचवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 5761 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 4937 (824 कम) |
छठा राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 6397 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 5825 (572 कम) |
सातवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 5706 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 5179 (527 कम) |
आठवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 5043 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 4729 (314 कम) |
नौवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 5096 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 3577 (1519 कम) |
दसवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 6190 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 4585 (1605 कम) |
ग्यारहवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 4844 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 4231 (613 कम) |
बारहवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 5037 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 4602 (435 कम) |
तेरहवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 5187 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 4670 (517 कम) |
चौदहवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 5279 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 4446 (833 कम) |
पंद्रहवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 4895 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 5189 (294 ज्यादा) |
सोलहवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 6031 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 5979 (52 कम) |
सत्रहवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 4705 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 3549 (1156 कम) |
अठारहवां राउंड | रुपिंदर सिंह कुन्नर | 4663 | सुरेंद्र पाल सिंह टीटी | 3121 (1542 कम) |