मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि “एक जिला-एक उत्पाद” योजना में जिलों में उद्यानिकी फसलों और उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग की गतिविधियाँ मिशन मोड पर की जाएँ। प्रदेश में 363 खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। प्रधानमंत्री खाद्य उद्यम उन्नयन योजना में 212 और राज्य योजना में 151 इकाइयाँ स्थापित जा चुकी हैं, जो सराहनीय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यानिकी विभाग दीर्घकालीन लक्ष्य में पोटेटो टिशु कल्चर एवं एरोपोनिक लेब, हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी स्थापित करने और 1500 सूक्ष्म खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ लगाने के कार्यों को पूरा करने के लिए प्रयास बढ़ाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निवास पर उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार), नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुश्वाह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री शैलेंद्र सिंह एवं अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण श्री जे.एन. कंसोटिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में विकसित 14 लाख 28 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता के विकास का कार्य हो चुका है। इस वर्ष 25 हजार मीट्रिक टन क्षमता वृद्धि का लक्ष्य पूरा करने पर फोकस किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यानिकी विभाग के अल्पकालीन लक्ष्यों में माइक्रो इरीगेशन बढ़ाने, किसानों के खेतों पर चेनलिंक फेसिंग, नर्सरी गौ-शालाओं के कन्वर्जेन्स से जैविक बागवानी, कृषक प्रशिक्षण, माली प्रशिक्षण और उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार के कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। वित्त वर्ष के अंत तक संभाग और विकासखण्ड स्तर पर कार्यालय सह प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना और मुरैना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रारंभ करने का कार्य भी पूर्ण किया जाए।