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इजरायली सेना ने माना हमास को गाजा से खत्म करना संभव नहीं

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तेल अवीव
इजराइल और हमास के बीच गाजा में चल रहे युद्ध को शुरू हुए तीन महीने हो गए हैं। 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी पर सैन्य आक्रमण शुरू किया था। इजरायली वायुसेना ने तीन हफ्ते तक बड़े पैमाने पर हवाई अभियान चलाने के बाद जमीनी ऑपरेशन शुरू किया। इसमें 175 इजरायली सैनिक भी मारे गए हैं। वहीं दूसरी ओर गाजा में बड़े स्तर पर तबाही हुई है। अब इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने संकेत दिया है कि वह धीरे-धीरे लड़ाई में एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है।

इजरायल ने युद्ध की शुरुआत में करीब 3,00,000 आरक्षित सैनिकों को ड्यूटी के लिए बुलाया था। पिछले सप्ताह उनमें से काफी लोगों को वापस भेज दिया गया है। आईडीएफ प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा है कि युद्ध लंबा चलेगा और हम उसी के अनुसार तैयारी कर रहे हैं। इसी को देखते हुए कुछ आरक्षित लोगों को वापस भेजा गया है। ये लोग काम पर लौटेंगे तो इससे अर्थव्यवस्था पर बोझ कम हो जाएगा।

दक्षिणी गाजा पर इजरायली सेना का ध्यान
यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेनाएं अब अपना ध्यान दक्षिणी गाजा पट्टी पर केंद्रित कर रही हैं। माना जा रहा है कि यह क्षेत्र हमास के सैन्य बुनियादी ढांचे का केंद्र है, इस इलाके में एक भूमिगत सुरंग नेटवर्क है। अधिकांश इजरायली बंधकों को भी यहीं रखे जाने की संभावना आईडीएफ को है। मोशे दयान सेंटर फॉर मिडिल ईस्टर्न एंड अफ्रीकन स्टडीज में फिलिस्तीनी स्टडीज फोरम के प्रमुख डॉ. माइकल मिलस्टीन का कहना है कि इजरायल एक अस्पष्ट चरण में प्रवेश कर रहा है क्योंकि जिसमें हमास का संगठन शायद अभी भी बरकरार है।

युद्ध की शुरुआत में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि लड़ाई का उद्देश्य हमास को उखाड़ फेंकना, उसकी सैन्य क्षमताओं को खत्म करना और सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना है। आईडीएफ ने हमास की क्षमताओं को नुकसान की बात कही है लेकिन संगठन अभी भी कार्य कर रहा है और इजरायल की ओर रॉकेट दाग रहा है। खान यूनिस पर पूर्ण नियंत्रण के बिना इजरायल हमास को खत्म करने में सफल नहीं होगा। ऐसे मे इजरायल अब एक धीमी लड़ाई की ओर बढ़ रहा है। वहीं इजरायल और हमास के बीच युद्ध ने क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका भी पैदा कर दी है। लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने 7 अक्टूबर के बाद से ही फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजरायल पर रॉकेट दागना शुरू कर दिया था। तब से आईडीएफ और हिजबुल्लाह के बीच लगभग हर रोज गोलीबारी होती रही है। इसे देखते हुए भी इजरायल सतर्क है।