भोपाल
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने डॉ. श्रीमती अरुणा कुमार, प्राध्यापक, स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग की सेवाओं के संबंध में जारी आदेश को निरस्त करने के दिए निर्देश।संवेदनशील विषय एवं लंबित जाँच संज्ञान में आते ही त्वरित कार्यवाही।
राज्य शासन द्वारा पूर्व आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश जारी। डॉ. अरूणा कुमार, प्राध्यापक, स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग का संलग्नीकरण संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा में यथावत रहेगा।
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में महिला जूनियर डॉक्टर की मौत के बाद हटाई गई डॉक्टर अरुणा कुमार की वापसी की गई थी। उन्हें स्वास्थ्य विभाग से वापस गांधी मेडिकल कॉलेज में गायनिक डिपार्टमेंट का HOD बनाया गया था। इसके बाद से ही गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स अपनी नाराजगी जता रहे थे।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रद्द किया नियुक्ति का आदेश
डॉ अरुणा कुमार को गायनिक डिपार्टमेंट का HOD बनाए जाने से जूनियर डॉक्टर काफी नाराज थे। इतना ही नहीं उन्होंने काम बंद करने तक की धमकी भी दी थी। साथ ही साथ हड़ताल वापस शुरू करने को भी कहा था। जुडा के विरोध के बाद GMC ने अरुणा कुमार की नियुक्ति का आदेश रद्द कर दिया है।
काली पट्टी बांधकर जताया था विरोध
इतना ही नहीं इससे पहले उन्होंने काली पट्टी बांधकर विरोध भी जताया था। दरअसल, डॉ अरुण कुमार पर आरोप है कि पिछले साल अगस्त में आंध्र प्रदेश की रहने वाली जूनियर डॉ. बाला सरस्वती ने डॉक्टर अरुणा कुमार पर आरोप लगाते हुए सुसाइड कर लिया था। डॉ बाला गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में पीजी के गायनिक विभाग के अंतिम वर्ष की छात्रा थी।
बाला के सुसाइड के बाद जूनियर डॉक्टर ने हड़ताल कर दी थी। इसके बाद से ही डॉ. अरुणा कुमार को गांधी मेडिकल कॉलेज से हटाकर स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ किया गया था। आपको बता दें, डॉ अरुणा कुमार के साथ अन्य चार और प्रोफेसर के नाम भी सुसाइड मामले में सामने आए थे।