मुंबई
पिछले दिनों निमार्ता आनंद पंडित ने अपना बर्थडे इतने भव्य पैमाने पर सेलिब्रेट किया। इस समारोह में शामिल हुए दो हजार लोगों में अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान, रितिक रोशन, टाइगर श्रॉफ, कार्तिक आर्यन, अभिषेक बच्चन, काजोल, सुभाष घई, सोनू निगम, विशाल शेखर सहित 150 से अधिक बॉलीवुड की ए-लिस्टर सेलिब्रिटी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अमिताभ बच्चन ने आनंद पंडित को रीढ़ की हड्?डी बताया तो शाहरुख खान ने भी उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की। जन्मदिन के अलावा आनंद पंडित अपनी फिल्म ‘सरकार-4’ से भी खबरों में बने हैं।
भव्य पैमाने पर बनने वाली इस फिल्म के बारे में सूत्र बताते हैं कि इसका बजट 80 से 90 करोड़ होगा। ?अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘त्रिशूल’ से प्रभावित होकर मैं रियल एस्टेट क्षेत्र में आया। इस फिल्म में बच्चन साहब ने विजय का किरदार निभाया था। इसमें वे शांति कंस्ट्रक्शन कंपनी में रियल एस्टेटडेवलपर बनते हैं। मैंने इस फिल्म को 60 से 70 दफा देखी होगी। उनसे इसी पिक्चर से इंस्पायर हुआ था, तब सोचा कि मुंबई जाकर अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी खोलूंगा। एक स्ट्रगलर के रूप में 11 हजार रुपए लेकर साल 1999 में अहमदाबाद से मुंबई आया। यहां से मेरी जर्नी शुरू होती है। मुझे कोई जानता नहीं था कि यह कौन है। लेकिन मेरे दिमाग में धुनकी थी कि विजय यानी ‘त्रिशूल’ का अमिताभ बच्चन बनना है। सोचता था कि एक दफा बच्चन साहब को देख सकूं तो बहुत बड़ी कामयाबी होगी। आज कुदरत ऐसी जगह पर लेकर आई है कि बच्चन साहब बोलते हैं कि आनंद भाई मेरी फैमिली जैसे हैं। आज हम साथ में एक फिल्म पर काम करते हैं। वे मेरे लिए आराध्य हैं। वे जो भी बोलते हैं, मैं उसे तुरंत युद्ध स्तर पर करता हूं। बच्चन साहब से पहली मुलाकात करीब 15 साल पहले हुई थी। हमारे एक दोस्त ने उनसे मिलवाया था।
उस समय बच्चन साहब जानते नहीं थे कि मैं कौन हूं और क्या करता हूं। उनसे धीरे-धीरे निकटता बढ़ी। बच्चन साहब के बंगले जलसा के कॉमन कंपाउंड से जुड़ा मेरा बंगला था। यह जलसा के पीछे गार्डन यानी जलसा और जनक के बीच में था। एक दिन बच्चन साहब ने उस बंगले को लेने की इच्छा जताई, तब उनके हाथ में मैंने चाभी थमा दी। इस बंगले का नाम मनसा है। बच्चन साहब के बंगले से सटा बंगला कोई क्यों बेचेगा! लेकिन सदी के महानायक ने मुझसे कुछ मांगा, तब वह मेरे लिए बड़े गर्व की बात थी। यह तो 12-15 साल पहले की बात है। हमने बच्चन साहब को बोला था कि आपको जो ठीक लगे, वह भेजना। वह तो डील हो गया था। लेकिन आज जुहू में बंगला दे देना बड़ी बात है, क्योंकि कोई देता नहीं है। मुंबई में भूखंड बहुत इंपोर्टेंट चीज है। यह मेरे नसीब की बात थी कि अपने आराध्य से लगकर मुझे बंगला मिल गया था। उनसे साथ हमारी जर्नी यहां से शुरू हुई। हम साथ में रियल एस्टेट का काम भी करते हैं। हमारा साथ में अंधेरी में काम चल रहा है। हम दोनों ऑफिशियल पार्टनर हैं। आप सोचिए कि एक लड़का स्कूल-कॉलेज में यह सोचता था कि बच्चन साहब की फिल्में देखकर रियल एस्टेट में काम करे, वही मुंबई आकर बच्चन साहब के साथ पार्टनर हो जाता है, यह बड़ी बात हो जाती है।