Home मध्यप्रदेश सीएस की टीम इलेवन बनाएगी पीएम जनमन प्लान का रोडमैप

सीएस की टीम इलेवन बनाएगी पीएम जनमन प्लान का रोडमैप

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भोपाल

मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में 11 आईएएस अधिकारियों की राज्य स्तरीय अपेक्स कमेटी मध्यप्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति समुदायों के लिए लागू की गई प्रधानमंत्री जनमन योजना, मिशन के मध्यप्रदेश मेें सुचारु क्रियान्वयन का रोडमैप तैयार कर योजना का सुचारु क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।

इस कमेटी में मुख्य सचिव के अलावा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, वन, जनजातीय कार्य विभग के अपर मुख्य सचिव और स्कूल शिक्षा, उर्जा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा नवीन एवं नवकरणीय उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव शामिल रहेंगे। जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव इस राज्य स्तरीय अपेक्स कमेटी के सदस्य सचिव रहेंगे। यह कमेटी समय-समय पर बैठकें आयोजित कर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने विशेष पिछड़ी जनजाति समुदायों के लिए प्रधानमंत्री जन मन योजना, मिशन शुरु किया है। इसके तहत संबंधित विकास विभागों द्वारा कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसमें योजना का सुचारु क्रियान्वयन, समन्वय, अभिसरण एवं अनुश्रवण करने मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अपेक्स कमेटी का गठन किया गया है।

नौ मंत्रालयों की योजनाएं होंगी शामिल
 पीएम जनमन योजना के तहत जनजातीय मंत्रालय समेत नौ मंत्रालयों की योजनाएं शामिल की जाएंगी। जिनमें पक्के आवासों का निर्माण, सड़कों का प्रबंध, नल से जल और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी जरुरी सुविधाएं शामिल है। आयुष मंत्रालय इस योजना के तहत मौजूदा मानकों के आधार पर आयुष वेलनेस सेंटर स्थापित करेगा। जिनके जरिए मोबाइल मैडिकल यूनिटों की मदद से पीवीटीजी रिहायशी इलाकों में कौशल और व्यावसायिक शिक्षा के केन्द्र शुरु करेगा ताकि आदिवासी लोगों के लिए रोजगार के साधन बढ़े।

अठारह राज्यों में आदिवासी समुदायों को किया जाएगा लाभान्वित
यह योजना मध्यप्रदेश सहित 18 राज्यों में आदिवासी समुदायों के एक बड़े वर्ग को लाभान्वित करेगी। इन राज्यों और केन्द्र शासित अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के 75 समुदायों को विशेष तौर पर असुरक्षित आदिवासी समूहों वीवीटीजी के रुप में चिन्हित किया गया है। ये समूह सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक नजरिये से संकट का सामना कर रहे है। केन्द्र सरकार इस योजना पर 24 हजार 104 करोड़ रुपए खर्च करेगी जबकि राज्य अपने स्रोतों से 8 हजार 768 करोड़ रुपये खर्च करेंगे।