भोपाल
प्रमोशन में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के चलते वर्ष 2016 से वनकर्मियों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिल रहा है। प्रमोशन के नाम पर वन विभाग केवल डमी प्रमोशन कर रहा है। इस प्रमोशन से वनकर्मी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
प्रमोशन नहीं होने से वनकर्मियों को पिछले सात साल से वेतनमान में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। विभाग में 20 हजार ऐसे वनकर्मी है जो प्रमोशन का रास्ता देख रहे है। जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में वनकर्मियों को प्रमोशन का लाभ आसानी से मिल रहा है। प्रमोशन नहीं होने से एक ही पद पर सेवा देते हुए सैकड़ों वनकर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वनकर्मियों ने प्रदेश टुडे से बातचीत करते हुए बताया कि प्रमोशन नहीं होने से कर्मचारियों के काम के गुणवत्ता में खासा असर देखने को मिल रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में नई सरकार के आमद होने से वनकर्मियों में एक उम्मीद जगी है। वर्तमान सरकार प्रमोशन में आरक्षण मामले को गंभीरता से लेते हुए शायद कोई बीच का रास्ता निकालने में सफल हो सकें। मामले की गंभीरता को देखते हुए वनकर्मियों ने वन राज्य मंत्री दिलिप सिंह अहिरवार से इस मामले में गुहार लगाई है।
विकास निगम रिटायरमेंट कर्मचारियों का बना अड्डा
वन विकास निगम इन दिनों रिटायरर्ड कर्मचारियों को अड्डा बनता जा रहा है। मौजूदा समय में निगम में करीब 20 कर्मचारी ऐसे है जो रिटायरमेंट होने के बाद सेवाएं दे रहे है। निगम ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर कर रहा है। नियुक्ति को लेकर निगम कोई विज्ञप्ति जारी नहीं करता। अधिकारियों की मिलीभगत के चलते निगम इस तरह की नियुक्तियां इन दिनों धड़ल्ले से हो रही है।
4 जनवरी को मंत्री संभालेंगे पदभार
वन मंत्री नागर सिंह चौहान 4 जनवरी को अपना पदभार ग्रहण करेंगे। इससे पहले राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार अपना पदभार ग्रहण कर चुके है। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को दोनों मंत्रियों से खासा उम्मीद है। अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दोनों मंत्रीगण युवा है। इसलिए लग रहा है कि इस बार विभाग में पहले से कहीं ज्यादा नवाचार देखने को मिलेगा।