मोतिहारी.
एक नौजवान के अपहरण का केस बिहार पुलिस नहीं सुलझा पा रही थी। माथापच्ची होता रहा, लेकिन सुराग नहीं मिल रहा था। जिसके अपहरण की गुत्थी अनसुलझी थी, कुछ समय बाद उसके हमउम्र साथी के भी गायब होने की जानकारी सामने आयी। दाल काली नजर आने लगी थी। लेकिन, तार नहीं जुड़ रहे थे। फिर नेपाल से आयी खबर ने कहानी में ट्वीस्ट ला दिया।
25 दिनों के अंदर दो हाथों से तीन मर्डर करने वाला पकड़ा गया है। यह कहानी पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में 23 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई थी और अब 02 जनवरी 2024 को सदर एएसपी राज ने इसका पटाक्षेप करते हुए मुख्य आरोपी अखिलेश भगत की गिरफ्तारी दिखाई। जिले के सुगौली थाना में 23 अक्टूबर को 22 साल के रितेश के गायब होने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। परिवार वालों ने अपहरण का आरोप रितेश के दोस्त ऋषभ और उसकी 30 साल की प्रेमिका अस्मिता उर्फ संजू पर लगाया। रितेश के पिता के इस बयान के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन इन दोनों का पता नहीं चल सका। जिले में पूरी खोजबीन के बावजूद पुलिस के हाथ खाली थे। बीस दिन से ज्यादा गुजर गए, लेकिन ऋषभ तक पहुंचना भी दूर की कौड़ी लग रहा था। तभी कहानी में नया मोड़ आया।
झोले पर मिले पते ने लाया ट्वीस्ट
बिहार के उत्तर पश्चिम में पूर्वी चंपारण है और इसके बगल में पूर्वी चंपारण। पूर्वी चंपारण भी नेपाल से बिल्कुल सटा है। सुगौली नेपाल से घंटा-डेढ़ घंटा की दूरी पर है। नेपाल के चितवन में दो अलग-अलग बोरे में दो लाशें मिलीं। एक में शादीशुदा महिला और एक में नौजवान का शव था। पहचान की गुंजाइश इतनी भर थी कि इसकी जांच-पड़ताल में पुलिस को एक झोला हाथ लगा। इसपर 'सुगौली' का पता लिखा था। नेपाल की चितवन पुलिस ने पूर्वी चंपारण की सुगौली पुलिस से संपर्क किया। अपहरण केस में वांछित दोनों की खोज इस एक ट्वीस्ट से पूरी हो गई। इसके बाद मोतिहारी पुलिस एक बार फिर नई ऊर्जा के साथ जांच में जुटी तो पूरा मामला सामने आया। पता चला कि सारा किया-धरा संजू के पति अखिलेश भगत का है।
हत्यारे ने किया कांड का खुलासा
पत्नी की लाश मिली तो पुलिस ने अखिलेश को हिरासत में लिया। उसने पहले तो मामले से इनकार किया, लेकिन जब सख्ती हुई तो वह टूट गया। सुगौली थाना क्षेत्र के सुगाब निवासी अखिलेश ने बताया- "मेरी शादी वर्ष 2013 में संजू से हुई थी। शादी के बाद दो बच्चा हुआ। आज से पांच-छह वर्ष पहले अपने मामा के घर सुगौली थाना क्षेत्र के फुलवरिया गया था। वहां ऋषभ और रितेश से दोस्ती हो गई। वह दोनों पहले से दोस्त थे। कम उम्र थी, लेकिन हमारा मेलजोल ठीकठाक हो गया। घर आना-जाना होने लगा। इसी बीच मुझे पता नहीं चला कि कब दोनों का मेरी पत्नी से अवैध संबंध बन गया। एक दिन पत्नी संजू ने बताया कि रितेश उसे टॉर्चर कर रहा है। ऋषभ ने भी हामी भरी। इसके बाद मैं, मेरी पत्नी संजू, ऋषभ और विनय नाम के एक युवक के साथ मिलकर मैंने प्लान बनाया। इसके बाद 23 अक्टूबर को रितेश को घर से बुला कर मोतिहारी डेरा पर लाया और यहां गमछा से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी। फिर बोरा में कस कर कैब से लेकर विनय के घर केसरिया थाना के गोपालपुर में ले जाकर मिट्टी में दफन कर दिया। अगले दिन हम सभी अपने-अपने घर पहुंच गए। घटना के एक सप्ताह के अंदर ही मेरी पत्नी नेपाल चली गई। मैं उसे ढूंढ़ते हुए नेपाल गया तो देखा कि संजू और ऋषभ एक ही कमरे में सोये हैं। मेरा दिमाग ठनका। उसके बाद, 17 नवंबर को मैंने दोनों की गला दबा कर हत्या कर दी और फिर बोरे में भरकर नाले में फेंक दिया।"
जहां दफनाया था शव, वहां मिला अंगूठा
पूछताछ के दौरान अखिलेश ने बताया कि रितेश के शव को केसरिया थाना क्षेत्र के गोपालपुर में दफनाया है। वहा पुलिस ने खुदाई कराई तो शव नहीं मिला। पुलिस ने वहां से कुछ बाल, नाखून और अंगूठा बरामद किया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि यह अवशेष रितेश का है या नहीं।