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चीनी वर्चस्व को भारत की चुनौती से पैदा होंगे अभूतपूर्व निवेश के अवसरः महिंद्रा

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चीनी वर्चस्व को भारत की चुनौती से पैदा होंगे अभूतपूर्व निवेश के अवसरः महिंद्रा

नई दिल्ली
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा है कि दुनिया आपूर्ति शृंखला पर चीन के दबदबे को चुनौती देने वाले एक भरोसेमंद विकल्प के तौर पर भारत को देखना चाहती है जिससे वर्ष 2024 में अभूतपूर्व निवेश के अवसर पैदा होंगे।

महिंद्रा ने नववर्ष पर अपने संदेश में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कई दशकों से प्रतीक्षित उछाल भरने के लिए तैयार है और मनचाहे उत्पादों की पेशकश कर सकने वाली कंपनियों को नए साल में बढ़ती मांग को पूरा करने की खूबसूरत चुनौती का सामना करने में खुशी होगी।

उन्होंने नए साल को नई शुरुआत के लिए खास अवसर बताते हुए कहा, ''इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पिछला साल कितना खराब रहा है, मानवीय प्रेरणा हमेशा उम्मीद का दामन थामती है। वर्ष 2023 में संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोविड महामारी के बाद के सुधार में आई सुस्ती हावी रही। इस साल का समापन नया जोश भरने की चाहत के साथ हुआ।''

महिंद्रा समूह के मुखिया ने नए साल को नया अध्याय एवं आशावाद एवं नई शुरुआत का अवसर बताते हुए कहा, ''वैश्विक स्तर पर दुनिया चाहती है कि भारत आपूर्ति शृंखला में चीन के वर्चस्व को चुनौती देने वाला एक भरोसेमंद विकल्प बने। यह 2024 में एक बड़ा मौका है। इससे उछाल को रफ्तार मिलेगी। भारत में निवेश अभूतपूर्व मात्रा में आने वाला है।''

उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में बड़ा उछाल हासिल करने का अवसर भारत के सामने है और इसे दोनों हाथों से लपकना चाहिए। वहीं दीर्घकालिक रूप में नवोन्मेषण की क्षमता भारतीय अर्थव्यवस्था को उछाल देने का काम करेगी।

महिंद्रा ने कहा, ''आने वाले समय में जो भी कंपनी खूबियों एवं कीमत के लिहाज से ग्राहकों की पसंद के उत्पाद पेश कर पाएंगी, उन्हें मांग पूरा करने के लिए अपना उत्पादन बढ़ाने की खुशनुमा चुनौती

आगे बढ़ रहा है गुजरात का डेयरी क्षेत्र, 36 लाख किसानों को प्रतिदिन मिल रहे हैं 200 करोड़ रुपये

अहमदाबाद
 गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) से 36 लाख डेयरी किसानों को संयुक्त रूप से प्रतिदिन 200 करोड़ रुपये मिलते हैं। इससे राज्य के लोगों को समृद्ध करने में मदद मिल रही है।

अधिकारियों ने  यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में डेयरी क्षेत्र का आकार एक लाख करोड़ रुपये का हो गया है।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि 10 से 12 जनवरी के बीच गांधीनगर में आयोजित होने वाला वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन का 10वां संस्करण सरकार को कृषि, बागवानी और पशुपालन में राज्य की तेजी से वृद्धि को प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान करेगा।

सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्य का कृषि, बागवानी और पशुपालन क्षेत्र प्राकृतिक खेती तथा उन्नत प्रौद्योगिकियों के संयोजन के जरिये बेहतरीन वृद्धि कर रहा है। ये गुजरात की संसाधनों के महत्तम इस्तेमाल करने वाली अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं और डेयरी क्षेत्र की वैश्विक प्रतिष्ठा को आगे बढ़ा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पटेल ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आगामी वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन 2024 प्राकृतिक कृषि पद्धतियों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के संयोजन की बदौलत कृषि, बागवानी और पशुपालन में राज्य की तेजी से हो रही वृद्धि को प्रदर्शित करेगा। यह समग्र दृष्टिकोण न केवल संसाधनों के महत्तम इस्तेमाल की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि डेयरी क्षेत्र में राज्य की वैश्विक स्थिति को भी बेहतर कर रहा है।''

सरकारी बयान के अनुसार, गुजरात में डेयरी उद्योग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। जीसीएमएमएफ के जरिये 36 लाख डेयरी किसानों को प्रतिदिन 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है।

बयान में कहा गया, ‘‘विश्वस्तर पर मान्यता प्राप्त अमूल ब्रांड जिसके तहत जीसीएमएमएफ दूध तथा डेयरी उत्पादों का विपणन करता है, लाखों डेयरी किसानों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।''

इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं जीसीएमएमएफ के पूर्व प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि गुजरात से अमूल की संगठित डेयरी खरीद 27 साल में 30 लाख लीटर से नौ गुना होकर 270 लाख लीटर हो गई है। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ वर्षों में हुई प्रगति को दर्शाता है।''

आणंद जिले के नापद वंतो गांव के ग्वाले शोभराज रबारी ने कहा कि उनके परिवार ने डेयरी व्यवसाय की शुरुआत दो गायों के साथ की थी और अब उनके पास 35 गाय हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन से हमें बहुत मदद मिली…मैं प्रति माह 2,000 लीटर दूध की आपूर्ति करता हूं। मेरी आय 1.10 लाख रुपये है। हमें दूध के अच्छे दाम मिल रहे हैं। हमें सरकार से अच्छा समर्थन मिल रहा है।''

वहीं आणंद के बोरसद तालुका के ज़ारोला गांव के डेयरी किसान जयेश पटेल ने कहा, ‘‘यह शिखर सम्मेलन मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मेरे जैसे कई लोग इस शिखर सम्मेलन में भाग लेते हैं और कई लाभ प्राप्त करते हैं। मैंने लगातार वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन का फायदा उठाया है।''

रिलायंस पावर 1,200 मेगावाट की कलाई-दो जलविद्युत परियोजना टीएचडीसी को बेचेगी

नई दिल्ली
 रिलायंस पावर ने अरुणाचल प्रदेश में 1,200 मेगावाट क्षमता की कलाई-दो जलविद्युत परियोजना टीएचडीसी इंडिया लि. बेचने के लिये समझौता किया है। यह सौदा 128.39 करोड़ रुपये का है।

रिलायंस पावर ने  शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि समझौते का मकसद जलविद्युत परियोजना को बेचकर कोष जुटाना है। कलाई पावर लि., रिलायंस पावर की अनुषंगी है। सूचना के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश सरकार, कलाई पावर प्राइवेट लि. और टीएचडीसी इंडिया लि. (टीएचडीसी) ने इस संदर्भ में 30 दिसंबर, 2023 को समझौते पर हस्ताक्षर किये।

समझौते के तहत अरुणाचल प्रदेश के लोहित नदी बेसिन पर स्थित प्रस्तावित 1,200 मेगावाट क्षमता की कलाई-दो जलविद्युत परियोजना के विकास अधिकार और संबंधित भौतिक संपत्ति, अध्ययन, मंजूरी, डिजाइन और बौद्धिक संपदा टीएचडीसी को हस्तांतरित किये जाएंगे। यह सौदा कुल 128.39 करोड़ रुपये का है जो कुछ शर्तों पर निर्भर है।