Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के तीसरे वित्त मंत्री बने ओपी चौधरी: 20 साल बाद किसी...

छत्तीसगढ़ के तीसरे वित्त मंत्री बने ओपी चौधरी: 20 साल बाद किसी मिनिस्टर को मिला यह विभाग, जानें पहले कौन था?

8

रायगढ़.

आज सीएम विष्णुदेव साय कैबिनेट के विभागों का बंटवारा हो चुका है। अरुण साव पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर बनाए गए हैं। विजय शर्मा को होम मिनिस्टर बनाया गया है। वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल को उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया है। पूर्व आईएएस ओपी चौधरी छत्तीसगढ़ के तीसरे फायनेंस मिनिस्टर बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ में वित्त मंत्री बनने वाले वो दूसरे विधायक हैं। छत्तीसगढ़ में 20 साल बाद किसी मंत्री को वित्त विभाग दिया गया है।

इससे पहले कोरिया के राजा रामचंद्र सिंहदेव पहले वित्त मंत्री का थे। वे छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के शासनकाल में प्रदेश के प्रथम वित्त मंत्री थे। उनके बाद चौधरी को दूसरा वित्त मंत्री बनाया गया है। पूर्व सीएम रमन सिंह के 15 साल के शासनकाल में यह विभाग उन्हीं के पास था। वहीं पूर्व सीएम भूपेश बघेल के 5 साल के कार्यकाल में भी यह विभाग उन्हीं के पास रहा। पहली बार छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के इस मंत्रिमंडल के बंटवारे में यह विभाग सीएम के प्रोफाइल से हटाकर किसी मंत्री को दिया गया है।

प्रशासनिक कौशल में माहिर हैं पूर्व आईएएस ओपी चौधरी
रायगढ़ से भाजपा विधायक और पूर्व आईएएस ऑफिसर ओपी चौधरी प्रशासनिक कौशल में माहिर हैं। ओपी चौधरी पहली बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। साल 2018 में आईएएस अधिकारी के पद से इस्तीफा देकर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी। इसके बाद साल 2018 में रायगढ़ जिले के खरसिया से विधानसभा चुनाव लड़े थे। उस दौरान उन्हें नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल से हार का सामना करना पड़ा था। उस समय उनके करियर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी थी। कुछ आलोचकों ने एक प्रकार से उनका करियर खत्म होना मान लिया था। लेकिन वो बीजेपी संगठन के साथ पूरी लगन, ईमानदारी और निष्ठा के साथ लगे रहे। प्रदेश बीजेपी महामंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी। इसके बाद इस बार साल 2023 के विधानसभा चुनाव में खरसिया की जगह रायगढ़ से चुनाव लड़े और बाजी मारी।

कोरिया कुमार के नाम से विख्यात थे डॉ रामचंद्र सिंहदेव
कोरिया कुमार के नाम से विख्यात स्व डॉ. रामचंद्र सिंहदेव का जन्म जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में 13 फरवरी 1930 को हुआ था। वे 1967 से 2000 तक अविभाजित मध्य प्रदेश में विधानसभा के सदस्य, मंत्री और राज्य योजना मंडल के उपाध्यक्ष रहे। छत्तीसगढ़ बनने के बाद वे राज्य के पहले वित्त मंत्री बने। उनकी स्कूली शिक्षा रायपुर के राजकुमार कॉलेज और उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुईआ। जहां से उन्होंने रसायनशास्त्र में एमएससी और समाजशास्त्र में पीएचडी की उपाधियां प्राप्त की। उन्हें अर्थशास्त्र का जानकार माना जाता था। उनके सहपाठी पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह और यूपी के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी रहे। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह उनके जूनियर रह चुके हैं। उनकी अभिरुचि फोटोग्राफी, पुस्तक लेखन में रही। उनकी सिंचाई, योजना, आर्थिकी के उन्नत स्वरूपों पर निरन्तर चिंतन, जनहित के मुद्दों पर आयोजित विभिन्न राष्ट्रीय सेमीनार में सक्रिय हिस्सेदारी रही। जर्मनी स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से कुशल जल प्रबंधन के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया था। छत्तीसगढ़ के पहले वित्त मंत्री सिंहदेव का 88 वर्ष की उम्र में 20 जुलाई 2018 में निधन हो गया।

6 बार लगातार चुनाव जीते
कोरिया राजघराने के रामचंद्र सिंहदेव ने 1967 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अविभाजित मध्यप्रदेश में एक ऐसा दौर भी था जब 1967 में चुनाव जीतने के बाद रामचंद्र सिंहदेव ने एक साथ 16 विभाग संभाले थे। यह उस समय का रिकॉर्ड था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मंत्रालय के एक कमरे से निकलकर दूसरे कमरे में जाना मीटिंग लेना ये उनकी आदत का हिस्सा बन गया था। करीब 6 महीने तक इन सभी विभागों की जिम्मेदारी इनके पास रही।