भोपाल
प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदाय को रोजगार दिलाने के मकसद से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित की जा रही है। इसके लिये इस वर्ष विभागीय बजट में एक करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
योजना के माध्यम से 1500 व्यक्ति मूलक और 20 स्व-सहायता समूह को लाभान्वित करने का कार्यक्रम बनाया गया है। इस योजना में विभाग द्वारा 897 प्रकरण बैंकों को ऋण हेतु दिये गये हैं। बैंकों द्वारा पूर्ण परीक्षण के बाद 38 प्रकरणों में ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। शेष प्रकरणों में ऋण दिलाने की कार्यवाही अंतिम चरण में है।
कौशल प्रशिक्षण
इन वर्गों के युवाओं को पारंपरिक कला, ज्ञान को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिये आईटीआई के माध्यम से रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गई है। पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 60 विद्यार्थियों को फिटर-फेब्रीकेशन ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाया गया है। इनमें से 24 युवाओं को इन क्षेत्रों में रोजगार दिलाया गया है।
229 शिविरों का आयोजन
इन वर्गों के लोगों के वोटर आईडी, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाने के लिये विशेष शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। विभाग द्वारा अब तक इस उद्देश्य से प्रदेश में 229 शिविर लगाये जा चुके हैं। इसके साथ ही इन समुदायों के परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना में विशेष प्राथमिकता दिलाई जा रही है।
विभागीय पोर्टल का निर्माण
विभाग द्वारा संचालित अन्य योजनाओं में सुविधा दिलाने के लिये इन वर्गों की आबादी की वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के लिये बेसलाइन सर्वे की योजना तैयार की गई है। इसके लिये विभागीय पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किये जा रहे हैं। प्रदेश में 51 विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदाय अधिसूचित हैं। यह समुदाय शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से अत्यंत पिछड़े हैं। इनके विकास एवं कल्याण के लिये पृथक से राज्य सरकार ने विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति विभाग का गठन किया है। इन वर्गों की शैक्षणिक स्थिति के सुधार के लिये विभाग द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।