लखनऊ
सवा लाख रुपए महीने से ज्यादा की सैलरी और 15 हजार रुपए तक बोनस। यूपी वालों को इजराइल से आया ये जॉब ऑफर लुभाने लगा है। 16 हजार कामगार जनवरी में प्रस्थान के लिए तैयार हैं। यूपी के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा है कि पहले चरण में राज्य से 10,000 कुशल कामगार भेजे जाएंगे। जबकि 16 हजार कामगारों को फाइनल कर लिया गया है। हमास के हमलों के बाद हुए नुकसान की भरपाई के लिए इजराइल को करीब एक लाख कामगारों की जरूरत है। इसके लिए उसने भारत से सहयोग मांगा है।
हमास द्वारा हमला किए जाने के बाद इजराइल ने सभी फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट निरस्त कर दिए थे। ऐसे में वहां श्रमिकों का खासा संकट पैदा हो गया है। इजराइल के लिए निर्माण क्षेत्र में कई सेक्टरों के लोगों की जरूरत है। इसमें फ्रेमवर्क, शटरिंग, कारपेंटर, आइरन बेंडिंग, सेरेमिक टाइल और प्लास्टरिंग शामिल है। इजराइल में नौकरी के लिए जिन योग्यताओं की जरूरत है उनमें अंग्रेजी का ज्ञान जरूरी है। इच्छुक लोगों के पास काम का अनुभव होने के साथ ही हाईस्कूल तक शिक्षा भी जरूरी है जबकि आयु सीमा 25 से 45 साल के बीच रखी गई है। दूसरे राज्यों के कामगारों के साथ यूपी भी अपने 16 हजार नागरिकों को इजराइल भेजेगा। जहां तक वेतन का सवाल है तो इजराइल जाने वाले निर्माण श्रमिकों को हर माह 6100 इजराइली न्यू शेकेल करेंसी मिलेगी। इसे यदि भारतीय मुद्रा में देखें तो करीब 1 लाख 38 हजार रुपये होगी। उत्तर प्रदेश इजराइल को वर्क फोर्स की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा राज्य बनने जा रहा है। यूपी सरकार केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय के साथ मिलकर राजधानी लखनऊ में एक सेंटर खोलेगी।
जिलों से इक्ट्ठा किया गया है डाटा
कामगारों को इजराइल भेजने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से डाटा जुटाया गया है। पिछले दिनों श्रमायुक्त मार्कंडेय शाही की अगुवाई में इसे लेकर श्रम और सेवायोजन के सभी जिलों के अधिकारियों की वर्चुअल बैठक हुई थी। सभी जिलों से इजराइल जाने के इच्छुक और अर्हता रखने वाले निर्माण श्रमिकों का डाटा एकत्रित करने को कहा गया था। कामगारों के चयन के लिए उनका एनएसडीसी के जरिए टेस्ट की व्यवस्था की गई है। चयनित होने वालों को प्रशिक्षण देकर इजराइल भेजा जाएगा।