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मलेशियाई विशेषज्ञों का दावा- ’10 साल पहले लापता हुआ विमान MH370 खोजा जा सकता है’; 2014 में गायब हुई थी फ्लाइट

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कुआलालमपुर.

लगभग 10 साल पहले लापता हुआ मलयेशिया का विमान MH370 खोजा जा सकता है। यह मलयेशियाई फ्लाइट 2014 में गायब हुई थी। अब विशेषज्ञों ने दावा किया है कि नए सिरे से तलाशी शुरू करने पर विमान को कुछ ही दिनों में खोजा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ एयरोस्पेस विशेषज्ञों ने दावा किया है कि रहस्य 10 दिनों में सुलझाया जा सकता है।

बता दें कि 227 यात्रियों और चालक दल के 12 सदस्यों के साथ विमान आठ मार्च, 2014 को लापता हो गया था। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एयरोस्पेस विशेषज्ञ जीन-ल्यूक मारचंद और पायलट पैट्रिक ब्लेली ने इस संबंध में नए सिरे से तलाशी शुरू करने का आह्वान किया है। दोनों ने दावा किया है कि लगभग एक दशक से लापता मलयेशियाई एयरलाइंस का विमान- एमएच370 कुछ ही दिनों में खोजा जा सकता है। लंदन में रॉयल एयरोनॉटिकल सोसाइटी में एक व्याख्यान के दौरान विशेषज्ञ जोड़ी ने कहा कि नई खोज केवल 10 दिनों में पूरी हो सकती है। उन्होंने कहा, हमने अपना होमवर्क कर लिया है। हमारे पास एक प्रस्ताव है… तलाशी का क्षेत्र छोटा होगा। उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस के क्षेत्र में नई क्षमताओं को देखते हुए अभियान को पूरा करने में केवल 10 दिन लगेंगे। जब तक MH370 का मलबा नहीं मिल जाता, कोई नहीं जान सकता कि क्या हुआ? मारचंद के मुताबिक नए सिरे से तलाशी शुरू करना पता लगाने का संभावित उपाय (plausible trajectory) है। दोनों ने मलयेशियाई सरकार और ऑस्ट्रेलियाई परिवहन सुरक्षा प्राधिकरण से MH370 के अवशेषों की नई खोज शुरू करने का आह्वान किया।

दोनों विशेषज्ञों ने कहा कि प्रस्तावित खोज क्षेत्र इस भरोसे पर आधारित है कि विमान का अपहरण हुआ। इसे बाद में जानबूझकर समुद्र में गिरा दिया गया। मारचंद ने इसे 'एकतरफ़ा यात्रा' बताया और कहा, संभवतः एमएच 370 को उड़ाने वाला पायलट काफी अनुभवी था। अपहरण संभवत: पायलट ने ही किया। केबिन में कोई दबाव नहीं (cabin depressurised) था। मारचंद के मुताबिक, विमान का न्यूनतम मलबा उत्पन्न हो इस मकसद के साथ हाईजैक करने के बाद फ्लाइट को बेहद नियंत्रित तरीके से समुद्र में उतार दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया जिससे विमान को ढूंढने की संभावनाओं को खत्म किया जा सके। सेना के अलावा विमान किसी को दिखाई नहीं दे रहा था। उन्होंने कहा, हाईजैक करने वाला आदमी जानता था कि खोज और बचाव शुरू होने के बाद उड़ान पथ पर ही तलाशी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, विमान से संपर्क न हो सके, इस मकसद से एमएच370 का ट्रांसपोंडर भी बंद कर दिया गया था। उड़ान पथ से दूर जाने के लिए 'यू-टर्न' लिया गया, जो ऑटोपायलट मोड में नहीं हो सकता था। मारचंद ने बताया क विमान की दिशा में अचानक बदलाव तब हुआ जब फ्लाइट थाई, इंडोनेशियाई, भारतीय और मलय हवाई क्षेत्र के बीच 'नो मैन्स लैंड' में था।
बता दें कि 227 यात्रियों और 12 चालक दल के सदस्यों के साथ उड़ान संख्या- एमएच370 लगभग 10 साल पहले, 8 मार्च, 2014 को लापता हुआ था। दक्षिणी मलयेशिया के कुआलालंपुर हवाई अड्डे से रवाना हुई फ्लाइट चीन जा रही थी। हालांकि, बीच रास्ते में ही विमान से संपर्क टूट गया। गायब विमान को खोजने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला लेकिन बीते 10 साल में इसके मलबे का कोई सुराग नहीं मिला है।