कोलकाता
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल में तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और होम मिनिस्टर अमित शाह बंगाल पहुंचे थे, यहां उन्होंने राज्य के नेताओं के साथ लंबा मंथन किया और फिर रणनीति तय की है। पार्टी ने इस बार राज्य में 35 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है और इसके लिए 15 नेताओं की टीम तय की है, जो प्रचार की रणनीति तय करेगी। इस 15 सदस्यीय समिति के हाथ में ही प्रचार का काम होगा। इसके अलावा उम्मीदवारों के चयन में भी इनकी भूमिका रहेगी।
खास बात यह है कि इस टीम में मिथुन चक्रवर्ती, शांतनु ठाकुर, जॉन बार्ला, सुभाष सरकार, निसिथ प्रमाणिक और राज्य विधानसभा में पार्टी व्हिप मनोज तिग्गा को शामिल नहीं किया गया है। पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा, 'एक इलेक्शन मैनेजमेंट कमेठी गठित की गई है। इसमें राज्य के 10 नेताओं और केंद्रीय टीम के 5 नेताओं को रखा गया है। अमित शाह और जेपी नड्डा ने आज नेताओं के साथ चुनाव की रणनीति पर मंथन किया।' पार्टी के नेताओं ने कहा कि यह कम ही होता है कि अमित शाह और जेपी नड्डा एक साथ चर्चा के लिए कोलकाता आए होंगे। ऐसे में यह मीटिंग अहम थी।
बंगाल में भाजपा ने कुल 42 में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। इससे पहले भाजपा ने 2019 में 22 सीटें जीतने का टारगेट तय किया था और 18 हासिल कर ली थीं। देर रात अमित शाह और नड्डा कोलकाता पहुंचे थे। इसके बाद शुरुआत दोनों नेताओं ने गुरुद्वारे जाकर वीर बाल दिवस से शुरू की। इसके बाद कालीघाट मंदिर भी गए और फिर तीन संगठन मीटिंगों में हिस्सा लिया। भाजपा ने जिन 15 नेताओं की टीम बनाई है, उनमें राज्य नेतृत्व से सुकांत मजूमदार को शामिल किया गया है, जो प्रदेश अध्यक्ष हैं।
उनके अलावा नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी, पूर्व अध्यक्षों राहुल सिन्हा और दिलीप घोष को भी शामिल किया गया है। भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी, विधायक अग्निमित्र पॉल इन लोगों में से हैं। इनके अलावा केंद्रीय नेतृत्व से सुनील बंसल, सतीश ढोंड, अमित मालवीय, मंगल पांडे और आशा लाकरा को भी शामिल किया गया है। इस बीच टीएमसी ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा है कि 35 को तो भूलो 3 या 5 सीट ही ये लोग जीतकर दिखाएं। प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि दरअसल ये लोग वे नाम तय कल रहे हैं, जिन पर हारने के बाद ठीकरा फोड़ा जा सके।