Home मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के साथ सीएम का विचार विमर्श, विभाग बंटवारा शाम तक

मंत्रिमंडल के साथ सीएम का विचार विमर्श, विभाग बंटवारा शाम तक

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भोपाल।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रिपरिषद के सभी सहयोगियों के साथ मुलाकात की। बैठक में मंत्रियों ने एक दूसरे को बधाई दी इसके करीब आधे घंटे बाद अधिकारियों को बुलाया गया। बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों और प्रदेश में चल रही ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ पर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद यह कुछ मंत्रियों ने बताया कि विभागों का बंटवारा भी आज शाम तक होने की उम्मीद है।  

सोमवार को 28 मंत्रियों की शपथ के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने कैबिनेट के सहयोगियों के साथ  मंगलवार को मंत्रालय में बैठक की। हालांकि यह बैठक बिना एजेंडे की थी, इसमें सभी ने एक दूसरे को बधाई दी। इधर इस बैठक के साथ ही यह सुगबुगाहट तेज हो गई है कि मंत्रियों के विभागों को बंटवारा मंगलवार शाम तक हो सकता है। सीनियर मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दिए जाने की भी चर्चा जोरों पर हैं। जानकारी के मुताबिक बैठक में प्रदेश के विकास और विकसित भारत संकल्प यात्रा पर चर्चा हुई। विकसित भारत संकल्प यात्रा प्रदेशभर में शुरू हो चुकी है। अब मंत्रियों की जिम्मेदारी तय होगी कि वे जिलों में विकसित भारत संकल्प यात्रा को सफल बनाने के लिए काम करें। इसके लिए लोगों से संवाद और उनको केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कहा जाएगा, ताकि चुनाव के पहले सभी लोकसभा क्षेत्रों में शतप्रतिशत हितग्राहियों को लाभ मिल सके।

वरिष्ठ मंत्रियों को बड़े मंत्रालय?
इधर इस बैठक के साथ ही यह सुगबुगाहट तेज हो गई है कि मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा जल्द ही कर दिया जाएगा। इसमें उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला सहित मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, विजय शाह को महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। डॉ. यादव कैबिनेट के सदस्यों को क्या विभाग मिलेगा कुछ प्रमुख विभागों पर मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय से लेकर जिला प्रशासन के अफसर और कर्मचारियों की भी नजर हैं। खासकर सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व विभाग, परिवहन विभाग, नगरीय प्रशासन सहित कुछ अन्य महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी किस मंत्री को मिलेगी इसे लेकर पूरे प्रशासनिक अमले की नजर है।  

सीएस-पीएस को आधे घंटे बाद बुलाया
बैठक की शुरूआत में मुख्यमंत्री और उनका मंत्रिमंडल ही रहा। इस दौरान कोई भी अफसर इस बैठक में नहीं था। करीब आधे घंटे बाद मुख्य सचिव वीरा राणा और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह बैठक में गए।  मंत्रियों की इस बैठक में हंसी मजाक से लेकर प्रदेश के लिए बेहतर काम करने तक की चर्चा हुई। बैठक में कई बार ऐसा भी हुआ जब सभी मंत्रियों ने जमकर ठहाके भी लगाए। बताया जा रहा है कि कुछ सीनियर मंत्रियों ने ऐसा माहौल इसलिए बनाया ताकि नए और पहली बार के विधायक जो मंत्री बने हैं, उन्हें अपने सीनियर लीडर्स के साथ काम करने में सहजता रहे।