औरंगाबाद
केंद्र सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा ने बिना नाम लिए नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जब मंत्री थे तब देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव को उन्होंने स्वीकृति दी। इस योजना में जमीन वहां के महंत ने दिया।
उन्होंने कहा कि विद्यालय के भवन से लेकर विद्यालय के संचालन तक में एक रुपये राज्य सरकार का खर्च नहीं होना था। इसके बावजूद बिहार सरकार ने एनओसी नहीं दिया। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव अब भी स्वीकृत है। जब अनुकूल स्थिति बनेगी और राज्य सरकार एनओसी दे तो देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय खोला जा सकता है।
'एक बेहतर इंसान बनना इससे अधिक आवश्यक है' भखरुआं पिलछी रोड में निजी विद्यालय का उद्घाटन करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शिक्षा का मतलब यह नहीं है कि कोई लाखों करोड़ों रुपये कमा ले। एक बेहतर इंसान बनना इससे अधिक आवश्यक है। जरूरत इस बात की है कि बच्चे पढ़कर आजीविका के लिए नौकरी करें, लेकिन उनके मां-बाप उनकी प्रतीक्षा में नर कंकाल न बन जाएं यह संस्कार उनमें होना चाहिए।
गोह से पूर्व विधायक डॉ. रणविजय सिंह ने कहा कि मंदिर से अधिक आवश्यक विद्यालयों की है। विद्यालय के संचालक विकास कुमार ने विद्यालय की विशेषताओं और उद्देश्यों के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन विनोद कुमार ने किया। इंग्लैंड से आए डॉ. उमेश शास्त्री ने संबोधित किया। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष राजीव कुमार बबलू, राष्ट्रीय लोक जनता दल के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार मेहता, अजय कुशवाहा, चंद्रभूषण वर्मा उपस्थित रहे।