भोपाल
पिछले दो साल से चल रही जेट प्लेन खरीदने की प्रक्रिया अब मोहन सरकार में नए सिरे शुरू की जाएगी। इसके लिए विमानन विभाग ने वित्त विभाग से बजट की मांग की है। शिवराज सरकार में 150 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया गया था और अमेरिका की टेक्स्ट्रान एविएशन कंपनी से बात हुई थी। कंपनी 208 करोड़ रुपये में जेट प्लेन देने के लिए तैयार भी हो गई थी, लेकिन आचार संहिता के प्रभावी हो जाने से प्रक्रिया रुक गई थी। अब डा. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर जेट प्लेन खरीदने के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी।
निजी विमान से यात्रा कर रहे नए मुख्यमंत्री
शिवराज सरकार में 12 निजी विमानन कंपनियों से अनुबंध किया गया था। इन निजी विमानों का मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी सरकारी यात्रा में उपयोग कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 40 करोड़ रुपये बजट रखा गया है। इस बजट से विमानन कंपनियों को हवाई यात्रा के लिए भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में सरकार के पास कोई विमान नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार ने अलग-अलग विमानन कंपनियों से अनुबंध किया है। समय-समय पर इन कंपनियों से निर्धारित किराया भुगतान कर विमान उपयोग में लिया जाता है।
बता दें कि राज्य सरकार ने 13 वर्ष में 113 करोड़ 45 लाख 70 हजार 537 रुपये विमानन कंपनियों को किराया भुगतान किया है और अब इस वर्ष भी हवाई यात्रा के लिए किराए का विमान उपयोग किया जा रहा है। इधर, जेट प्लेन के उतरने और उड़ान भरने के लिए हवाई पट्टियों का उन्नयन भी किया जा रहा है। तत्कालीन कमल नाथ सरकार में 62 करोड़ रुपये से खरीदा गया प्लेन कोरोना संक्रमण के समय रेमडिसिविर लाते समय ग्वालियर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। तब से प्लेन वहीं है। राज्य सरकार उसे भी विक्रय करेगी। प्लेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से ही राज्य सरकार किराए के विमान का उपयोग कर रही है और अब नई सरकार में जेट प्लेन खरीदने की प्रक्रिया नए सिरे से की जाएगी।