अयोध्या.
अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है। इस अवसर पर अयोध्या में 'मिनी इंडिया' दिखाई पड़ेगा। यानी उद्घाटन कार्यक्रम में देश के हर जाति, धर्म, संप्रदाय, क्षेत्र और वैचारिक धाराओं से जुड़े लोगों को शामिल करने की योजना है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस अवसर पर देश के हर वर्ग के प्रतिनिधि लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार, वह अयोध्या के राम मंदिर को राष्ट्र की अस्मिता के प्रतीक के रूप में विश्व की सर्वाधिक प्रसिद्ध धार्मिक इमारतों के रूप में विकसित करना चाहता है। इसके लिए उद्घाटन के अवसर पर हर वर्ग को शामिल कर सबको इस ऐतिहासिक मौके का साक्षी बनाने की तैयारी है और इसके लिए उद्घाटन कार्यक्रम में हर समाज, हर वर्ग की भागीदारी आवश्यक है। यही कारण है कि उद्घाटन में समाज को प्रभावित करने वाले हर वर्ग के प्रतिनिधि की भागीदारी सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है।
प्रांत और धर्म-संप्रदाय
देश के सभी प्रांतों-केंद्र शासित प्रदेशों, इनमें प्रचलित विशेष धार्मिक संप्रदायों को उद्घाटन कार्यक्रम के लिए न्योता भेजा जा रहा है। विशेषकर सिख, बौद्ध और जैन जैसे जो धर्म-संप्रदाय सनातन हिंदू धर्म से निकले हैं, उन सबको उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस बहाने उद्घाटन कार्यक्रम में देश के हर प्रांत-केंद्र शासित प्रदेश की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। हालांकि, आम जनता के लिए अलग-अलग प्रांतों के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित कर भीड़ को कम करने का प्रयास किया जाएगा।
राजनीति से जुड़े लोग
अभी तक विपक्षी दलों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने पर असमंजस बना हुआ था, लेकिन ट्रस्ट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित कर इस पर स्थिति साफ कर दी है। माना जा रहा है कि जल्द ही विपक्ष के अन्य शीर्ष नेताओं को भी राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भेजा जाएगा। इसमें अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और नवीन पटनायक जैसे नेता शामिल हैं।
क्रिकेट, बॉलीवुड और कला-साहित्य के प्रतिनिधि भी
ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में क्रिकेट की महान हस्तियों, खेल और बॉलीवुड में नामचीन चेहरों को आमंत्रित किया जाएगा। इन हस्तियों की ओर से आने की स्वीकृति के बाद ही इनके नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। उद्घाटन कार्यक्रम में कला क्षेत्र के बड़े लोगों के साथ-साथ हिंदी, तमिल, तेलगू, उर्दू सहित सभी भारतीय भाषाओं को साहित्यकारों को भी राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।