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गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने पर अमेरिका कर सकता है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान

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गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने पर अमेरिका कर सकता है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान

वाशिंगटन
अमेरिका आखिरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा में सहायता पर मतदान कर सकता है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि हालांकि यह एक सप्ताह पहले हो जाना चाहिए था।

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर समझौता करने के लिए कल मिस्र के साथ उच्चस्तरीय बातचीत की है। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो गाजा को और अधिक मानवीय सहायता प्राप्त हो सकेगी।

अमेरिका के प्रमुख अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका अभी भी बातचीत कर रहा है। अमेरिका उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के पक्ष में नहीं है, जिसमें लड़ाई रोकने का भी आह्वान किया गया है। राफा सीमा को नियंत्रित करने वाला मिस्र चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र सहायता पहुंचाने का काम अपने हाथ में ले।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अमेरिका पर इजराइल का दबाव है। इसलिए अमेरिका ने कहा है कि इजराइल को सहायता वितरण और विवादों की जांच में शामिल किया जाए। अमेरिका के इस प्रस्ताव पर मतदान करने की संभावना बढ़ गई है।

 

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट, गाजा के 23 लाख लोग भुखमरी से जूझ रहे

यरुशलम
 गाजा पट्टी में इजरायली सेना और हमास के बीच जारी भीषण लड़ाई के बीच संयुक्त राष्ट्र की आई रिपोर्ट युद्ध की भयावता के साथ डराने वाली है। इजराइली विमानों द्वारा गुरुवार को किए भीषण हमले व बमबारी में कई लोगों के मारे जाने की सूचना है।

अमेरिका, यूरोपीय देश लगातार इजराइल पर युद्धविराम का दबाव बना रहे हैं। युद्ध की वजह से अब तक 20 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र समर्थित निकाय ने गुरुवार को एक रिपोर्ट साझा की है।

रिपोर्ट के अनुसार गाजा में 2.3 मिलियन यानी 23 लाख लोग भुखमरी के संकट से जूझ रहे हैं। वहीं, युद्ध की वजह से गाजावासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है, जिसकी वजह से अकाल का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में लोग दो-जून की रोटी के लिए मशक्कत कर रहे हैं।

कुछ दिनों पहले मिस्र की ओर से गाजा वासियों के लिए भोजन, पानी और दवाएं भेजी गई थी। हाालांकि, यह मदद ऊंच के मुंह में जीरे जैसी है। रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में मौजूद दस प्रतिशत लोगों को ही इस मदद से लाभ मिलने वाला है।

आईपीसी की रिपोर्ट में आगे जानकारी दी गई कि गाजा में ईंधन की जबरदस्त कमी है। कुछ दिनों पहले कई वीडियो वायरल हुए जिसमें देखा गया कि जैसे ही मानवीय सहायता लेकर ट्रक गाजा पहुंचे, गाजावासी ट्रकों पर सहायता सामग्री लेने के लिए टूट पड़े।

सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने गाजा में राहत सामग्री की धीमी आपूर्ति पर चिंता जताई है। कहा कि इसे लेकर विश्व में व्यापक चिंता है। इससे आमजन प्रभावित हो रहे हैं। हम राहत सामग्री की आपूर्ति तेज करने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिका की सहमति से सुरक्षा परिषद में इससे संबंधित प्रस्ताव लाए जाने की तैयारी चल रही है।

दक्षिणी गाजा में भी रात इजरायल ने भीषण बमबारी की। मिस्र की सीमा के नजदीक बसे रफाह कस्बे में गुरुवार सुबह हुई बमबारी में चार लोग मारे गए हैं। गाजा में चिकित्सा सुविधाएं संचालित करने वाली संस्था रेड क्रीसेंट ने कहा है कि लगातार चल रही लड़ाई और बमबारी के चलते वह जबालिया सहित कई स्थानों पर एंबुलेंस भेजकर वहां से मृतकों और घायलों को लाने की स्थिति में नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उत्तरी गाजा में आखिरी अस्पताल भी बंद होने के कगार पर है।

 

इजराइली सैनिक की आईफोन ने बचाई जान, बेंजामिन नेतन्याहू भी हुए हैरान

यरूशलम
 गाजा में हमास के खिलाफ लड़ रहे एक इजराइली सैनिक की जान आईफोन ने बचा दी है। जानकारी के अनुसार इजराइल-हमास युद्ध के दौरान इजराइली सैनिक को लगी गोली आईफोन पर जाकर लग गई। फोन ने गोली की रफ्तार को पूरी तरह रोक दिया, जिसकी वजह से सैनिक की जान बच गई।

इजराइल के प्रधानमंत्री को इस घटना की जानकारी दी गई और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू घायल सैनिकों से मिलने अस्पताल भी पहुंचे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दावा किया जा रहा कि आईफोन की वजह से सैनिक की जान बच गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि आईफोन रग्ड केस के साथ दिख रहा है, फोन पर गोली के निशान दिख रहे हैं। इस फोन को बेंजामिन नेतन्याहू को भी दिखाया गया।

भले ही एप्पल इस बात का दावा करता है कि आईफोन वाटरप्रूफ है लेकिन क्या यह बुलेटप्रूफ इसका जवाब अभी तक कंपनी ने भी आधिकारिक तौर पर नहीं दिया है। इससे पहले जून 2022 में आईफोन ने रूस के खिलाफ लड़ रहे एक यूक्रेनी सैनिक की भी जान बचाई थी।