भोपाल
लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसदों के निलंबन के विरोध में भोपाल में कांग्रेस धरना प्रदर्शन कर रही है। रोशनपुरा चौराहा पर इस प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौजूद हैं। केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों और सांसदों के निलंबन का विरोध किया जाएगा। इंदौर में रीगल चौराहा पर कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है।
कांग्रेस के नव-नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे संबोधित किया। उनके अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला प्रदर्शन है। हालांकि, कांग्रेस इस प्रदर्शन में कोई खास भीड़ जमा नहीं कर पाई। कार्यकर्ताओं की संख्या बहुत कम रही। इस मौके पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और उप नेता हेमंत कटारे सहित कई नेता मौजूद रहे।
भाजपा सरकार पर हमला
पटवारी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र की दुनिया में मिसाल दी जाती है। इसका अनुशरण कई देशों में किया जाता है। सत्ता और विपक्ष देश की उन्नति के लिए दो पटरियां हैं। आज भारत की चुनाव प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आधुनिक देशों ने ईवीएम को त्याग दिया है। आज देश में जिस तरह के चुनाव परिणाम आते हैं, उस पर लोगों को भरोसा नहीं होता है। आज लोकतंत्र खतरे में है।
बढ़ गया दल-बदल
आगे पटवारी ने कहा कि मोदी के आने के बाद जनप्रतिनिधियों का दल-बदल बढ़ गया है। पिछले सत्र में विधानसभा में मुझे गलत तरीके से निलंबित किया था। ये लोकतंत्र की हत्या है। भाजपा में अंदर भी लोकतंत्र नहीं बची है। वहां भी मोदी की तानाशाही चल रही है। भाजपा का पिछला घोषणा पत्र ही पूरा नहीं हुआ। 18 हजार से अधिक घोषणा अधूरा है, हम लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे।
एआईसीसी का था निर्देश
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं सांसद केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश इकाइयों को निर्देशित करते हुए कहा था कि केंद्र की भाजपा सरकार ने लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला कर आश्चर्यजनक रूप से संसद के राज्यसभा और लोकसभा के दोनों सदनों के 1,497 सांसदों को निलंबित कर लोकतंत्र के साथ घिनौना कृत्य किया है। इंडिया एलायंस पार्टियों की बैठक में सर्वसम्मति से पारित निर्णय अनुसार, देश की सभी प्रदेश कांग्रेस इकाइयों में 22 दिसंबर को भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदेश एवं जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पटवारी ने लिखा था पत्र
एआईसीसी के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश के सभी जिला/शहर कांग्रेस अध्यक्षों, जिला प्रभारियों, मोर्चा संगठनों और विभागों के अध्यक्षों को भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा था कि उक्त प्रदर्शन को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश, जिला, ब्लॉक पदाधिकारी, सांसद, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनिधि, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि, मोर्चा संगठन, विभागों, प्रकोष्ठों के जिला एवं प्रदेश पदाधिकारी, वरिष्ठ कांग्रेसजनों एवं कार्यकर्ताओं की अधिकाधिक उपस्थिति सुनिश्चित करें।
शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों के 146 सांसदों को अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया था। इनमें लोकसभा के 100 और राज्यसभा के 46 विपक्षी सांसद शामिल थे। दरअसल, विपक्ष संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में चर्चा और गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा था। इससे पहले संसद पर 2001 में हुए आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा में बड़ी चूक की घटना सामने आई। दरअसल, शून्यकाल के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे। उन्होंने कैन से पीला धुआं छोड़ा और नारेबाजी भी की थी।
अलोकतांत्रिक तरीके से 146 सांसदों के निलंबन के विरोध में आज विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक के नेता आज (22 दिसंबर) सड़कों पर उतरेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और गठबंधन के अन्य सदस्य सुबह 11 बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और मीडिया को संबोधित करेंगे. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमने इस दौरान सभी जिला मुख्यालयों पर भी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
बता दें कि संसद सुरक्षा के उल्लंघन की घटना पर विपक्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा था. इसी मांग को लेकर 13 दिसंबर को शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने हंगामा किया. सदन की कार्रवाई में व्यवधान के बाद लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सांसदों के निलंबन की प्रक्रिया शुरू हुई. अब तक 146 सांसद निलंबित हो चुके हैं. यह सबसे ज्यादा निलंबन का रिकॉर्ड है. इन 146 निलंबित सांसदों में गुरुवार को अनिश्चित काल के समापन से पहले निलंबित तीन और सांसद शामिल हैं.
गुरुवार को निलंबित तीनों सांसदों के साथ विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के इस कदम के विरोध में संसद से विजय चौक तक मार्च किया. पहले विरोध प्रदर्शन के दौरान खरगे ने सरकार से लोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार करने का आग्रह किया.
खरगे ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, “भाजपा को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. संसद एक बड़ी पंचायत है. हम संसद में नहीं बोलेंगे तो कहां बोलेंगे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गृह मंत्री शाह और प्रधानमंत्री मोदी सुरक्षा उल्लंघन के बारे में अवगत कराने के लिए सदन में नहीं आए. उन्होंने उन मुद्दों के बारे में बात की जिन पर सदन के अंदर और बाहर बात होनी चाहिए. पीएम मोदी ने संसद के अंदर सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर न बोलकर संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है.”