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नए साल पर महाकाल की भस्म आरती नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु, ये है कारण

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उज्जैन
 ज्योतिर्लिंग महाकाल में मंदिर प्रशासन द्वारा 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक भस्म आरती की आनलाइन बुकिंग ब्लाक कर दी गई है। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि भीड़ वाले इन दिनों में भस्म आरती के चलायमान दर्शन करवाए जाएंगे। इसके लिए कार्तिक मंडपम को खाली रखा जाएगा। श्रद्धालु तड़के चार बजे कतार में लगकर चलित भस्म आरती दर्शन कर सकेंगे।

साल 2023 की विदाई और नए साल 2024 के स्वागत में देशभर से श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आएंगे। 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक जो श्रद्धालु भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें मंदिर के प्रशासनिक कार्यालय के समीप स्थित भस्म आरती बुकिंग काउंटर से आफलाइन अनुमति प्राप्त करना होगी। यहां सीट फुल होने पर दर्शनार्थी चलायमान व्यवस्था से भस्म आरती के दर्शन कर सकते हैं।

इसलिए अनुमति लेते हैं दर्शनार्थी

महाकाल मंदिर में प्रतिदिन तड़के चार बजे से सुबह छह बजे तक भगवान महाकाल की भस्म आरती होती है। दो घंटे में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन, शृंगार, भस्म अर्पण, भोग और आरती के बाद मंत्र पुष्पांजलि होती है। आरती की इस संपूर्ण प्रक्रिया के दर्शन के लिए मंदिर समिति प्रतिदिन 1700 भक्तों को अनुमति जारी करती है।

जिन भक्तों को दर्शन की अनुमति मिलती है, वे नंदी व गणेश मंडपम में बैठकर पूरे दो घंटे तक दर्शन करते हैं। सीट फुल हो जाने के कारण जिन श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं मिल पाती है, वे कार्तिकेय मंडपम से चलते हुए दर्शन करते हैं। इस व्यवस्था में भक्तों को कुछ पलों के लिए ही भगवान के दर्शन सुलभ हो पाते हैं। देश-विदेश से आने वाले दर्शनार्थी भस्म आरती की संपूर्ण प्रक्रिया देखना चाहते हैं, इसलिए उनमें अनुमति प्राप्त करने की होड़ लगी रहती है।

निश्शुल्क है आफलाइन अनुमति

भस्म आरती दर्शन के लिए मंदिर समिति प्रतिदिन करीब 400 भक्तों को आनलाइन अनुमति जारी करते हैं। इसके लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपये शुल्क लिया जाता है। जबकि मंदिर के काउंटर से आफलाइन अनुमति प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क चुकाना नहीं होता है। मंदिर समिति करीब 300 भक्तों को प्रतिदिन निश्शुल्क अनुमति प्रदान करती है।