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हफ्ते भर में 23 मरे, इन 4 राज्यों में डराने लगे हैं कोरोना के नए केस, मास्क जरूरी

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नई दिल्ली
कोरोना महामारी ने एक बार फिर वापसी के साथ लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। वैरिएंट जेएन.1 की पुष्टि के बाद कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी हुई है। खासकर चार राज्यों केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा में कोरोना के केसों में जबरदस्त उछाल आया है। केरल में कोरोना के सबसे अधिक केस हैं। देशभर में गुरुवार को 338 नए केसों के साथ एक्टिव मरीजों की संख्या 2669 थे, जबकि अकेले केरल में यह आंकड़ा 2000 है। आज केरल में तीन मौतें दर्ज हुईं। हफ्तेभर में देश में कोरोना से 23 मौतें हो चुकी हैं। कर्नाटक और चंडीगढ़ में सरकारों ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क अनिवार्य कर दिया है। केंद्र सरकार भी लगातार राज्यों पर नजर रख रहा है। कोविड-19 के नए वैरिएंट जेएन.1 के पहले केरल फिर महाराष्ट्र और गोवा में केस सामने आने के बाद देशभर में कोरोना का खतरा बढ़ गया है। आपको बता दें कि कोरोना का यह नया वैरिएंट इससे पहले दुनियाभर के 40 देशों में कहर बरपा रहा है। सबसे पहले सिंगापुर और फिर चीन और अमेरिका जैसे देशों में बड़ी संख्या में कोरोना केस दर्ज हुए हैं। अस्पतालों में बेड फुल हैं।

भारत में चिंता क्यों
भारत में कोरोना के नए वैरिएंट के महज 21 मामले सामने आए हों लेकिन, चिंता की वजह यह है कि नए वेरिएंट के पकड़ में आने के बाद से देश में कोरोना केसों में बढ़ोत्तरी हुई है। नौ दिनों के भीतर कोरोना के केस दोगुना हो गए हैं। वेरिएंट की जब से केरल में दस्तक हुई, देश में कोरोना का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। मौत के मामले में चिंताजनक हैं। केरल में आज तीन लोगों की मौत के साथ हफ्तेभर में 23 लोगों को कोरोना ने काल का ग्रास बना लिया।

मास्क जरूरी हुआ, यात्रा पर लगेगा प्रतिबंध?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में गुरुवार को पिछले 24 घंटों में 358 ताजा मामले सामने आए। मामलों में बढ़ोत्तरी कोविड के नए वैरिएंट JN.1 की दस्तक के साथ आए हैं।  सूत्रों ने कहा कि बढ़ते कोरोना केसों के बावजूद अभी सरकार ने प्रतिबंधों पर गौर करना शुरू नहीं किया है। इसके पीछे की बड़ी वजह है इस नए वेरिएंट से मौत का असर उतना ज्यादा नहीं है। who ने भी दुनियाभर के 40 देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कहा है कि यह वायरस ओमिक्रॉन की तरह तेजी से फैल जरूर रहा है लेकिन, डेल्टा जितना असर नहीं है क्योंकि मौत के मामले बेहद कम हैं। यह भी कहा कि बाजार में मौजूदा वैक्सीन से इन नए वैरिएंट आसानी से मात दी जा सकती है।

सरकार की अभी प्लानिंग क्या है?
सरकार के पास वर्तमान में यात्रा प्रतिबंध, मास्क अनिवार्यता या अनिवार्य तीसरी खुराक की कोई योजना नहीं है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह वैरिएंट पहले के वैरिएंट के मुकाबले गंभीर बीमार नहीं कर रहा है। हवाई अड्डों पर यात्रियों के लिए अनिवार्य आरटी-पीसीआर टेस्ट की भी कोई संभावना नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इसके बजाय टारगेट टेस्टिंग पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,44,70,576 हो गई है और देश में रिकवरी दर 98.81 प्रतिशत आंकी गई है।

JN.1 वैरिएंट
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बुधवार को जानकारी दी कि भारत में अब तक नए कोरोनो वायरस वैरिएंट जेएन.1 के 21 मामले सामने आए हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा कि देश के अस्पतालों में उपलब्ध उपचार इस वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। संक्रमण हल्का है और बाजार में उपलब्ध वैक्सीन इसके लिए प्रभावी है।