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केंद्रीय योजनाओं के 9500 हजार करोड़ गए ‘फ्री’ में, विभागों को नहीं दिए, केंद्र की चिट्ठी से हड़कंप

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जयपुर.

केंद्र सरकार से आई एक चिट्ठी राजस्थान की नई भजनलाल सरकार की परेशानी को कई गुना बढ़ाने वाली है। प्रदेश के शहरों और गावों में चल रही केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने जो पैसा राज्य सरकार को ट्रांसफर किया, वह विभागों को या तो रिलीज ही नहीं किया गया या फिर उसमें बहुत ज्यादा देरी की गई। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि यह पैसा पिछली सरकार को खुश करने के लिए इन अफसरों ने फ्री मोबाइल फोन, गैस सब्सिडी और अन्नपूर्णा जैसी योजनाओं पर खर्च कर दिया।

सीएम भजनलाल शर्मा ने नई जिम्मेदारी संभालते ही एलान किया है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के साथ विकसित भारत यात्रा निकाली जाएगी। इसमें लोगों कि उन्हें केंद्रीय योजनाओं का पैसा अथवा लाभ मिल रहा है की नहीं, इसके अलावा जो नाम जुड़ने से रह गए, उन्हें जोड़ा जाना है। लेकिन धरातल पर अधिकांश केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाएं ठप पड़ी हैं। क्योंकि सिर्फ इस वित्तीय वर्ष का ही नहीं, बल्कि पिछले साल का भी पैसा विभागों को नहीं दिया गया है।

इस साल केंद्र ने भेजे 9500 करोड़
वित्त विभाग की वेबसाइट पर आंकड़े दर्ज हैं कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक प्रदेश के 9,500 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहयता प्राप्त योजनाओं का अंशदान मिल चुका है। ज्यादातर केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाएं 50-50, 60-50 के अनुपात पर चलती हैं। यानी 50 से 60 प्रतिशत तक अंशदान राज्य सरकार को मैचिंग शेयर के रूप में मिलाना होता है। वित्त विभाग ने न सिर्फ केंद्रीयांश विभागों को नहीं दिया, बल्कि राज्य मैचिंग शेयर भी बकाया है।

बाकी के 23 हजार करोड़ भी अटके
इसके अलावा केंद्र सरकार की नियमों में यह भी है कि केंद्रीयांश व राज्यांश की 75 प्रतिशत राशि खर्च होने पर ही अगली किश्त जारी की जाती है। केंद्रीयांश के रूप में राजस्थान को इस साल करीब 33 हजार करोड़ रुपये मिलना था। अब लेकिन पहले जारी हुई किश्त खर्च नहीं हुई तो अगली पर भी रोक लगा दी गई है।

इन केंद्रीय सहायता प्राप्त योजना के पैसे अटके
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नेशनल हेल्थ मिशन और मनरेगा समग्र शिक्षा। इनके अलावा फाइनेंस कमीशन की ग्रांट के 650 करोड़ रुपये भी पंचायतों को नहीं दिए गए।

जांच होनी चाहिए –
केंद्रीय योजनाओं में राजस्थान को 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मिली। यहां सरकार ने उसकी मैचिंग ग्रांट नहीं दी और आई राशि को भी फ्री योजनाओं पर खर्च कर डाला। इसकी जांच होनी चाहिए।
– राजेंद्र राठौड़, वरिष्ठ नेता भाजपा