नई दिल्ली
इंडिया वर्सेस साउथ अफ्रीका तीन मैचों की सीरीज का आखिरी और निर्णाकर वनडे इंटरनेशनल मैच पार्ल में खेला जाना है। सीरीज का पहला मैच भारत ने जीता था, जबकि दूसरे मैच में जीत दर्ज कर मेजबान साउथ अफ्रीका ने दमदार वापसी की थी। यह मैच दोनों टीमों के लिए करो या मरो वाला हो सकता है, लेकिन इसके अलावा संजू सैमसन के लिए भी यह किसी अग्नि-परीक्षा से कम नहीं होगा। सीरीज के पहले दोनों मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ही जीती है, ऐसे में टॉस की भूमिका काफी अहम हो जाती है। पहली पारी में बैटिंग करना मुश्किल रहा है, जबकि दूसरी पारी में गेंद बल्ले पर ज्यादा अच्छे से आई है। साउथ अफ्रीका दौरे के लिए संजू सैमसन को वनडे स्क्वॉड में चुना गया, लेकिन पहले मैच में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। पहले मैच के बाद कप्तान केएल राहुल ने कहा था कि सैमसन को इस सीरीज में खेलने का मौका जरूर मिलेगा और दूसरे मैच में ऐसा देखने को भी मिला।
सैमसन दूसरे वनडे में विकेटकीपर बैटर के तौर पर खेले। सैमसन की विकेटकीपिंग तो अच्छी रही, लेकिन वह बैट से कुछ खास नहीं कर पाए। पांचवें नंबर पर बैटिंग करने आए सैमसन 23 गेंद पर महज 12 रन बनाकर आउट हुए थे। सैमसन के पास दूसरे वनडे में मौका था कि वह बड़ी पारी खेलकर वनडे टीम में अपने दावे को और मजबूत करते, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। सैमसन के वनडे करियर पर नजर डालें, तो उन्होंने कुल 15 वनडे इंटरनेशनल मैचों की 13 पारियों में 50 की औसत से कुल 402 रन बनाए हैं।
सैमसन ने 2015 में टी20 इंटरनेशनल डेब्यू जबकि 2021 में वनडे डेब्यू किया था। सैमसन के लिए आज होने वाला मैच काफी अहम हो सकता है। उनको टीम में अपनी जगह मजबूत करने के लिए बड़ी पारी खेलनी होगी, जबकि एक और असफलता उनके इंटरनेशनल करियर पर भी ग्रहण लगा सकती है। सैमसन को कभी भी लगातार टीम में मौका नहीं मिला है, और यही वजह है कि वह कभी भी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए हैं।