जयपुर.
करणी सेना प्रमुख सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच अब एनआईए करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंप दिया। सूत्रों की मानें तो इस हत्याकांड में हाई-प्रोफाइल गैंगस्टरों की संलिप्तता को देखते हुए एनआईए को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने केस भी दर्ज कर लिया है। मालूम हो कि राजस्थान पुलिस इस मामले में कई आरोपियों को हिरासत में ले चुकी है। हाल ही में राज्य पुलिस ने भोंडसी जेल के तीन कैदियों को पेशी वारंट पर अपनी हिरासत में लिया था।
उल्लेखनीय है कि बीते पांच दिसंबर को राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की कुछ शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के तुरंत बाद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े गैंगस्टर रोहित गोदारा ने गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी ली। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद सभी शूटर फरार हो गए थे जबकि एक आरोपी की मौके पर मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस की मदद से शूटर रोहित राठौड़ एवं नितिन फौजी को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की मानें तो रोहित राठौड़ और नितिन फौजी ने ही सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के आवास पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। शूटरों की गोलीबारी में सुरक्षा गार्ड अजीत सिंह भी घायल हो गए थे जिनकी बीते दिनों इलाज के दौरान मौत हो गई। शूटरों की गोलीबारी में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, नवीन शेखावत और अजीत सिंह मारे जा चुके हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक छानबीन में पता चला है कि शाहपुरा निवासी नवीन शेखावत ही नितिन और रोहित को स्कॉर्पियो में बैठाकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर ले गया था।
दोनों शूटरों (रोहित राठौड़ और नितिन फौजी) ने पुलिस को बताया कि रोहित गोदारा ने ही हत्या की सुपारी दी थी। शूटरों से पूछताछ में पता चला है कि उनको सुखदेव गोगामेड़ी के साथ नवीन शेखावत को भी मारने को कहा गया था। यह भी पता चला कि फरार होने के दौरान शूटर रोहित गोदारा के करीबी वीरेंद्र चैहान और दानाराम के संपर्क में थे।