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मध्य प्रदेश में दिखने लगा मोहन ‘राज’ का असर, शिवराज सिंह चौहान के सबसे ‘खास’ अफसर की छुट्टी

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भोपाल
 मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने काम संभाल लिया है। अब अपने हिसाब से उन्होंने प्रशासनिक जमावट शुरू कर दी है। कार्यभार बदलने के बाद उन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को बदला था। शिवराज सिंह चौहान के राज में कथित तौर पर हाशिए पर गए आईएएस राघवेंद्र सिंह को अपना प्रमुख सचिव बनाया है। इसका बाद बड़ा बदलाव जनसंपर्क विभाग में किया है। जनसंपर्क विभाग की कमान शिवराज सिंह चौहान के खास अधिकारी मनीष सिंह संभाल रहे थे।

मनीष सिंह को जनसंपर्क आयुक्त के पद से मंगलवार की रात हटा दिया गया है। 2009 बैच के आईएएस अफसर मनीष सिंह की पोस्टिंग अपर सचिव, मध्य प्रदेश शासन के रूप में हुई है। जनसंपर्क के साथ-साथ उन्हें मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी पद से भी हटा दिया गया है। उनकी जगह पर 1993 बैच के आईएएस अधिकारी नीरज मंडलोई को मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

विवेक पोरवाल बने जनसंपर्क आयुक्त

वहीं, 2000 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी विवेक पोरवाल को जनसंपर्क विभाग का आयुक्त नियुक्त किया गया है। यह मनीष सिंह से सीनियर अधिकारी हैं। वह मुख्यमंत्री के सचिव भी हैं। इनकी नियुक्ति के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जनसंपर्क विभाग में आने वाले समय में और भी बड़े बदलाव होंगे। यह काफी अहम मंत्रालय है। साथ ही सरकार की इमेज गढ़ने की जिम्मेदारी भी इसी मंत्रालय पर होती है।

शिवराज सिंह चौहान के करीबी थे मनीष सिंह

गौरतलब है कि 2009 बैच के आईएएस अधिकारी मनीष सिंह की गिनती सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी अफसरों में होती है। कोविड के टाइम इंदौर में बिगड़े हालात को संभालने की जिम्मेदारी सीएम ने मनीष सिंह को ही सौंपी थी। इसके बाद उनके नेतृत्व में इंदौर में इन्वेस्टर समिट और प्रवासी भारतीय सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ था।

चुनाव से ऐन पहले जनसंपर्क विभाग के आयुक्त राघवेंद्र सिंह को हटाकर मनीष सिंह को यहां लाया गया था। इसके बाद जनसंपर्क विभाग की कमान पूरी तरह से उन्होंने अपने हाथों में ले लिया था। मोहन यादव के सीएम बनने के छह दिन बाद ही उनकी छुट्टी हो गई है। इससे साफ संकेत है कि आने वाले दिनों में शिवराज सिंह चौहान के समय में पॉवर कॉरिडोर के हिस्सा रहे अधिकारियों की अहम पदों से छुट्टी होगी।