नई दिल्ली
दिल की बीमारी के खतरे से बचने के लिए अब सिर्फ सही खानपान ही नहीं, बल्कि खाने का समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है. हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि सुबह जल्दी नाश्ता करने और रात को जल्दी डिनर दिल की बीमारी से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें एक लाख से अधिक लोगों के डाइट और सेहत पर करीब सात साल तक अध्ययन किया गया.
शोध में यह पता चला कि दो हजार व्यक्तियों को दिल से जुड़ी बीमारियां (जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक) हुईं. शोध के अनुसार, नाश्ता करने में देरी दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ाती है. हर घंटे की देरी के साथ दिमाग संबंधी स्ट्रोक का खतरा 6% तक बढ़ जाता है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि व्यक्ति दिन में कितनी बार खाता है, इससे दिल की बीमारी पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता.
डिनर टाइम
डिनर का समय भी दिल की सेहत को प्रभावित करता है. शोध में पाया गया कि रात को 9 बजे के बाद खाना खाने से स्ट्रोक या ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (TIA) का खतरा 28% तक बढ़ जाता है. इससे जुड़ा कारण माना जाता है कि हमारा नेचुरल भोजन पैटर्न जल्दी भोजन करने के अनुकूल है. पशुओं पर किए गए शोधों में भी पाया गया है कि देर से पचने वाला भोजन ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है.
ब्लड वेसेल्स को नुकसान
शोध यह भी बताता है कि शाम के समय ब्लड प्रेशर का बढ़ना (जब आमतौर पर यह गिरता है) ब्लड वेसेल्स को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे संभावित रूप से खून के थक्के, दिल का दौरा और स्ट्रोक हो सकते हैं. हालांकि, अध्ययन में यह भी जोर दिया गया है कि इस विषय पर और शोध की आवश्यकता है और खाने का समय उतना प्रभावी नहीं हो सकता जितना कि अस्वस्थ आहार.
महिलाएं रहे अधिक सतर्क
शोध में यह भी पाया गया कि रात 9 बजे के बाद खाना खाने से गंभीर दिल की बीमारी का खतरा नहीं बढ़ता है. हालांकि, रात के खाने में हर घंटे की देरी के साथ स्ट्रोक या TIA का खतरा 8% बढ़ जाता है. अध्ययन में महिलाओं पर इसका विशेष प्रभाव पाया गया, जो अध्ययन प्रतिभागियों का लगभग 80% थीं. पुरुषों में कम महत्वपूर्ण परिणाम देखे गए, लेकिन नाश्ता करने में देरी से गंभीर दिल की बीमारी का खतरा 11% बढ़ जाता है.
उपवास का असर
अध्ययन यह भी बताता है कि रात भर लंबे उपवास के संभावित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. हर अतिरिक्त घंटे के उपवास के साथ स्ट्रोक के खतरे में 7% की कमी का संकेत दिया गया है. यह संबंध मुख्य रूप से उन व्यक्तियों से संबंधित है जो जल्दी खाना खाते हैं और नाश्ते से पहले लंबे समय तक उपवास करते हैं, बजाय देर से भोजन करने और देर से नाश्ता करने की रणनीति अपनाने के. तो कुल मिलाकर, यह शोध इस बात को रेखांकित करता है कि दिल की बीमारियों से बचने के लिए न केवल स्वस्थ आहार अपनाएं, बल्कि खाने का समय भी ध्यान में रखें. सुबह जल्दी नाश्ता करें और रात को जल्दी खाएं, ताकि आपका शरीर ठीक तरह से काम करे और स्वस्थ रहें.
देर से खाना खाने के नुकसान और जल्दी खाने के फायदे बताने वाली स्टडी
इस स्टडी के लिए न्यूट्रीनेट-सांटे समूह में 1,03,389 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया। इसमें 79 प्रतिशत महिलाएं थीं, जिनकी औसत आयु 42 साल थी। स्टडी के दौरान कई पहलुओं के आधार पर लोगों में हृदय रोगों के रिस्क को समझने की कोशिश की गयी, जिसमें उम्र, पारिवारिक स्थिति, आहार पोषण क्वालिटी, जीवन शैली और स्लीपिंग पैटर्न्स पर भी ध्यान दिया गया। स्टडी के अंत में पाया गया कि,
- ब्रेकफास्ट ना खाने (skipping breakfast) और उठने के बाद देर से खाने की आदत के चलते हृदय रोगों का रिस्क अधिक होता है। ऐसे लोग दिन का पहला भोजन जितनी देर से खाते हैं उनमें हृदय रोगों का रिस्क प्रति घंटे/ 6 प्रतिशत के आधार पर बढ़ता जाता है।
- वहीं, रात 8 बजे से पहले डिनर खाने की तुलना में रात 9 बजे के बाद खाना खाने वालों में सेरेब्रोवास्कुलर रोग ( स्ट्रोक आदि) का खतरा 28 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
- पुरूषों की तुलना में खाने-पीने का समय तय ना होने और देर-सवेर खाने की आदत का कारण हार्ट डिजिज का रिस्क महिलाओं में अधिक था।
इटिंग हैबिट्स और हार्ट डिजिज के बीच गहरा संबंध (eating habits and heart diseases)
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (Global burden of disease) नामक स्टडी के अनुसार, हृदय रोग दुनियाभर में लोगों की मृत्यु का बड़ा और प्रमुख कारण है। साल 2019 में 18.6 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें से लगभग 7.9 मिलियन लोगों की मृत्यु आहार से जुड़े कारणों से हुईं।