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विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए होगी प्रशिक्षण की व्यवस्था

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प्रशासन का विकेंद्रीकरण होगा – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए होगी प्रशिक्षण की व्यवस्था

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया प्रतिनिधियों से विधानसभा परिसर में किया संवाद

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जारी जनकल्याण और विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन हमारी डबल इंजन की सरकार निरंतर प्रभावी रूप से कर रही है। विधानसभा निर्वाचन 2023 में प्रदेशवासियों ने विकास के प्रति जो विश्वास व्यक्त किया है, उससे संवैधानिक संस्थाओं का मान और विश्वास बढ़ा है। हमारा प्रयास है कि प्रशासन का विकेंद्रीकरण हो, अर्थात जिले पर जिला स्तरीय इकाई, संभाग पर संभाग स्तरीय इकाई और प्रदेश स्तर पर प्रदेश स्तरीय इकाई, विकास गतिविधियों के धरातल पर क्रियान्वयन में नीचे अपना श्रेष्ठतम योगदान दें। नवनिर्वाचित विधायक और मंत्रिपरिषद के सदस्य अपनी भूमिका अधिक प्रभावी तरीके से निभा सकें, इसके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्रीअन्न (मोटे अनाज) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में व्यापक अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश में सांस्कृतिक अभ्युत्थान का पर्व चल रहा है। हम भगवान बाबा महाकाल के साथ-साथ ओरछा, सलकनपुर और मैहर में महालोक निर्माण के लिये रोड मैप बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया का स्वागत करते हुए मीडिया से अपेक्षा की कि मीडिया प्रतिनिधि रचनात्मक व सृजनात्मक भूमिका निभाएंगे तथा विकास और प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अपना सकारात्मक योगदान देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मध्यप्रदेश विधानसभा परिसर में मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा समृद्ध विधायक समूह निर्वाचित होकर आया है, जन कल्याण और विकास को समर्पित मंत्रिमंडल का शीघ्र ही गठन किया जाएगा।

 

नवनियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों का अध्ययन भ्रमण और खेत पाठशाला

भोपाल

किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र, बरखेड़ी कलाँ भोपाल में ट्रेनिंग कर रहे विभाग के 62 नवनियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों ने सीहोर जिले के बरखेड़ा खरेट ग्राम स्थित एनआरसीई पुनर्योजी कृषि केंद्र का भ्रमण कर खेत पाठशाला में प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन्हें विभागीय अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के साथ सॉलीडेरीडॉड संस्था के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण दिया गया। संचालक राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीएट) के.पी. अहरवाल की विशेष उपस्थिति में प्रशिक्षणार्थियों को केंद्र में निर्मित पोषण वाटिका, गेबियन संरचना, गेहूं, अरहर, मटर, मसूर एवं फल तथा सब्जियों के फसल प्रदर्शन प्लॉट के माध्यम से पुनर्योजी कृषि से संबधित जानकारी दी गई। इन फसलों में उपयोग की गई उन्नत तकनीकी के बारे में भी विशेषज्ञों द्वारा जानकारी भी दी गई।

खेत पाठशाला में शेड नेट में उगाई जाने वाली स्ट्राबेरी की फसल का प्रदर्शन भी प्रशिक्षार्थियों ने पूरी तन्मयता से देखा। जैविक खादों के निर्माण की प्रक्रिया तथा मृदा को समृद्ध बनाने वाली तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया गया। सॉलीडेरीडॉड विशेषज्ञों द्वारा स्मार्ट कृषि की अवधारणा तथा पुनर्योजी खेती के मानक स्तर एवं प्रमाणीकरण पर भी प्रकाश डाला गया। खेत पाठशाला में प्रगतिशील किसानों तथा पुनर्योजी कृषि अपनाने वाले किसानों ने भी अपने अनुभव प्रस्तुत किये। प्रशिक्षार्थियों की जिज्ञासाओं तथा तकनीकी प्रश्नों के उत्तर भी विशेषज्ञों द्वारा दिये गए। स्मार्ट कृषि तथा पुनर्योजी खेती के विशेषज्ञों में सोलीडरीडाड संस्था की ओर से प्रमुख रूप से डॉ. अनिल खरे, रवि जायसवाल, सुमिली घोष, हृदयेश, सुबोध सहस़्त्रबुद्धे भी सम्मिलित हुए।

संचालक के.पी. अहरवाल ने बताया कि सीएट ने सॉलीडेरीडॉड संस्था के साथ मिलकर कृषि अधिकारियों तथा किसानों के प्रशिक्षण हेतु विस्तृत कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है। इस श्रृंखला में कृषि अधिकारियों के विभिन्न प्रशिक्षणों के अलावा एफपीओ तथा सीबीबीओ के लिए कार्यशाला का आयोजन भी किया जा चुका है।

सोलीडरीडाड संस्था के महाप्रबंधक डॉ. सुरेश मोटवानी ने बताया कि पुनर्योजी कृषि आज के समय की मांग है। एनआरसीई पुनर्योजी कृषि केंद्र में नव नियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा बारीकी से पुनर्योजी कृषि को समझा गया है जो कि प्रदेश के कृषि के विकास के लिए अच्छा संकेत है।